जीवन तेरे रूप अनेक हुआ चकित मैं देख बहुरूप बिखराये ! पल पल रंग बदलता तेरा कभी प्रकाशित कभी अँध... जीवन तेरे रूप अनेक हुआ चकित मैं देख बहुरूप बिखराये ! पल पल रंग बदलता तेरा ...