प्यार होने की
प्यार होने की
"भरोसेमंद होना प्यार होने की तुलना में अधिक प्रशंसा है।"
एक व्यक्ति दो ऊंचे टावरों के बीच बंधी रस्सी पर चलने लगा। वह धीरे-धीरे चल रहा था, उसके हाथों में एक लंबी छड़ी थी। उनके साथ उनका बेटा भी कंधे पर बैठा था। जमीन पर मौजूद हर एक व्यक्ति उसे सांस रोककर देख रहा था और बहुत तनाव में था। जब वह धीरे-धीरे दूसरे टॉवर पर पहुँचा, तो हर एक ने ताली बजाई, सीटी बजाकर उसका स्वागत किया। उन्होंने हाथ हिलाकर सेल्फी ली। उन्होंने भीड़ से पूछा "क्या आप सभी को लगता है कि मैं इस तरफ से उसी रस्सी पर वापस चल सकता हूं?" भीड़ ने एक स्वर में चिल्लाया "हाँ, हाँ, आप कर सकते हैं .." क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा है, उसने पूछा ?
उन्होंने कहा कि हां, हां, हम आप पर दांव लगाने के लिए तैयार हैं। उसने कहा ठीक है, क्या तुम में से कोई भी अपने बच्चे को मेरे कंधे पर बैठने के लिए दे सकता है; मैं बच्चे को सुरक्षित दूसरी तरफ ले जाऊंगा ।। स्तब्ध खामोशी थी। हर एक शांत हो गया। श्रद्धा अलग है। भरोसा अलग है। ट्रस्ट के लिए आपको पूरी तरह से आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता है। आज की दुनिया में भगवान के प्रति हमारी यही कमी है। हम सर्वशक्तिमान में विश्वास करते हैं। लेकिन क्या हम उस पर भरोसा करते हैं ? बहुत सुंदर संदेश, विश्वास और विश्वास के बीच का अंतर समझाते हुए।