हरि शंकर गोयल

Comedy Inspirational Others

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हरि शंकर गोयल

Comedy Inspirational Others

पुराने पाप

पुराने पाप

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कहते हैं कि पुराने पाप एक न एक दिन सामने आ ही जाते हैं। यह बात कोई नई हो, ऐसा नहीं है। यह तो शाश्वत सत्य है। मगर न्याय व्यवस्था की कछुआ चाल, रसूख का इस्तेमाल और पैसे की चकाचौंध के कारण इस सत्य पर झूठ का कुछ मुलम्मा चढ़ गया था। मगर सत्य तो सत्य है। वह तो कब्र खोदकर भी बाहर आ जाता है, तो आ गया। समय जरूर लगा लेकिन अब सब कुछ साफ साफ दिखाई देने लगा है। 

अभी कल परसों ही बॉलीवुड, अरे रे, करांचीवुड के लाडले सितारे, जान से प्यारे और बॉयकॉट अभियान के मारे एक अभिनेता का एक वीडियो बाजार में आया था। कह रहा था "भाइयों, मेरी फिल्म का बहिष्कार क्यों कर रहे हो ? मैंने ऐसा क्या कर दिया ? मैं भी भारत से प्यार करता हूं। मैं भी देशभक्त हूं।" 

बड़ा आश्चर्य होता है जब कोई बंदा जिसे भारत में डर लगता हो, यह कहता है कि मैं भी भारत से प्यार करता हूं। इसका मतलब है कि उसकी देशभक्ति पर लोगों को पूरा संशय है। पर ऐसा क्यों हुआ ? जिस आदमी को लोगों ने सिर आंखों पर बैठाया। जिसकी फिल्म में हिन्दू देवी देवताओं का घोर अपमान किया गया। पेशाब करने वाली जगह पर नीचे देवताओं की तस्वीर सूटकेस पर चिपका कर पेशाब किया गया। तब कहां था तुम्हारा देश प्रेम ? 

जब एक साक्षात्कार में इसने कहा था कि उसकी बीवी को इस देश में डर लगता है। वह किसी और देश में जाना चाहती है। तब कहां चला गया था देश प्रेम ? शायद तब यह कहना चाह रहा था कि दरअसल इसकी दूसरी बीवी जिससे इसने दूसरा प्रेम विवाह किया था, को इसी आदमी से डर लग रहा था क्योंकि यह तब तक किसी "तीसरी" की तलाश कर चुका था। जब पहली बीवी छोड़ी थी तब उसको भी ऐसे ही डर लगा होगा पर तब तक इस देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार थी। अब की तरह घोर सांप्रदायिक, तानाशाह, अलोकतांत्रिक सरकार नहीं थी। जैसे ही यह सरकार आई, इसकी दूसरी बीवी डर के मारे इसे ही छोड़कर चली गई। आप गलत समझे। वह भारत छोड़कर नहीं गई बल्कि इस जैसे आदमी को छोड़कर चली गई। जिस आदमी ने दो दो प्रेम विवाह किये हों और दोनों बीवियां छोड़कर चली जायें तो उस आदमी के चरित्र पर कुछ कहना बाकी रहा है क्या ? उस औरत को डर नहीं लगेगा क्या ? अब तो स्पष्ट हो गया कि उसे भारत से नहीं, बल्कि इसी से डर लग रहा था। क्योंकि वह औरत अभी तक भारत छोड़कर कहीं नहीं गई है। 

अब बात करते हैं धर्मनिरपेक्षता की। पी के फिल्म में किस तरह शंकर भगवान का उपहास उड़ाया गया था, यह क्या किसी से छुपा हुआ है ? भगवान की फोटो गाल पर चिपका कर यह लोगों को कह रहा था कि मारो, चांटा मारो। वह चांटा किसे मरवाना चाहता था ? आखिर उसका उद्देश्य क्या था ? एक जगह यह आदमी पेशाब करता है और अपने पैरों के पास रखे सूटकेस पर भगवानों की मूर्ति चिपकाता है। इसका मतलब हुआ कि यह पेशाब किस पर कर रहा था ? क्या यही काम यह आदमी अपने देवता या जो भी कुछ है, उसके लिए कर सकता है ? यह सोचने की बात है। उस पर तुर्रा यह है कि इसने बड़ी आसानी से कह दिया था कि कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। यह कुछ कुछ वैसा ही है जैसा कि धूर्त, मक्कार नेता कहते हैं कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है जबकि आतंकवाद का मजहब सबको पता है। पर अब सबकी पोल पट्टी खुल रही है। नेताओं की भी और अभिनेताओं की भी। वैसे, इन दोनों में कोई ज्यादा फर्क है भी नहीं। बस, यह देखना है कि दोनों में से ज्यादा अच्छी एक्टिंग कौन करता है ? 

एक फिल्म आई थी फना। उसमें भी वही "लव जिहाद" दिखाया गया। यह आदमी तो खुद एक आतंकवादी बना था। भला कौन हिन्दू लड़की है जो ऐसे आतंकी से प्रेम करेगी ? मगर जब एजेण्डा एक धर्म को नीचा दिखाना हो तो यही किया जाता है और किया जाता रहता। मगर अब लोग जागरूक हो गये हैं और अपने भगवानों का अपमान और सहने को तैयार नहीं हैं। वो भी अपने ही पैसे खर्च करके। लोग पी के में मूर्ख बन गए और अपने पैसे खर्च करके इस जैसे आदमी को 500 करोड़ी बना गये। क्या अभी भी लोग मूर्ख बनने को तैयार हैं ? लाल सिंह चढ्ढा ? 

इससे आगे की बात यह है कि जिस मूवी के बॉयकॉट नहीं करने की अपील यह आदमी कर रहा है उसकी शूटिंग के लिए यह भारत विरोधी एक देश तुर्की जाता है और वहां पर उस देश के राष्ट्रपति की पत्नी से मिलकर आता है। उस मुलाकात के फोटो सार्वजनिक करता है जिससे जनता को पता चल जाये कि वह देश के दुश्मनों से मिला था और अब वह कहता है कि वह भी भारत से प्यार करता है। वाह रे इसका प्यार ! ऐसा प्यार कौन करता है भाई ? करांचीवुड वाले ही कर सकते हैं ऐसा "कमबख्त इश्क"। तभी तो "इश्क कमीना" हो गया है वरना तो इश्क खुदा था। 

अच्छा, तैमूर की अम्मी जान की अलग ही कहानी है। वह तो अभी भी कह रही है कि मत देखो उसकी मूवी। अब जब फिल्म की नायिका या खलनायिका, जो भी हो, कह रही है कि फिल्म मत देखो तो कोई क्यों देखेगा भला ? किसके पास इतना समय और पैसा है जो ऐसी फिल्मों पर बरबाद करेगा ? अरे, इतने में तो कई सारे "तिरंगा झंडा" खरीद लेंगे लोग और गरीब बच्चों में बांटकर "हर घर तिरंगा" फहरा कर देश सेवा करेंगे। वैसे भी तैमूर की अम्मी को तो हिन्दू होने पर शर्म आती है। उसने काश्मीर में कठुआ कांड होने पर एक "प्ला कार्ड" लहराया था जिस पर लिखा था "I m ashamed. I m Hindu" पर इसने तो हिन्दू धर्म बहुत पहले ही छोड़ दिया था और "निकाह" करके यह भी दूसरी बीवी बन गई थी। जब ये हिन्दू रही ही नहीं तो यह हिन्दू होने पर शर्म कैसे कर सकती है ? कितना गिरोगे तुम लोग ? और जनता से उम्मीद करते हो कि तुम्हें फिर से 500 करोड़ी बना दें ? 

अगर इसके बाद भी कोई सनातनी यह फिल्म देखने जाता है तो ऐसे आदमी को 500 तोपों की सलामी देनी चाहिए। पता तो चले कि जयचंद के वंशज अभी भी जिंदा हैं इस देश में। 

भैया, कितने ही हज कर लो। नौ सौ चूहे खाने के पाप इतनी आसानी से थोड़े ना धुल जायेंगे ? सनातन धर्म में प्रायश्चित का भी प्रावधान है पर अपने अपराध स्वीकार कर सच्चे मन से क्षमा याचना करने के बाद। 

पोस्ट अगर अच्छी लगे तो आगे शेयर करना ना भूलें। 

श्री हरि 


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