पत्रकारिता एक देशभक्ति
पत्रकारिता एक देशभक्ति


देखिए पत्रकार बनना बहुत ही आसान काम हैमगर पत्रकारिता करना यह उतना ही कठिन होता है जितना एक सैनिक का बॉर्डर पर पहरा देना ।पत्रकारिता एक देश भक्ति है जब हम पत्रकारिता कर रहे होते हैं इसका मतलब हम सब सबसे बड़ी देशभक्ति कर रहे होते है और हर एक पत्रकार चाहे वो किसी चैनल, अख़बार, वेबसाइट, या फिर किसी सोशल मीडिया नेटवर्क पर ही पत्रकारिता क्यूं ना कर रहा हो।हमें पत्रकारिता करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो हम कर रहे है वो खुद के लिए है या समाज के लिए ।यदि उसमे सिर्फ निजी स्वार्थ और फायदे दिख रहा हो , इसका मतलब है कि हम देशभक्ति नहीं बल्कि देशद्रोही और देश से गद्दारी वाला काम कर रहें हैंइसलिए दोस्तों हमेशा याद रखना कि पत्रकारिता एक देश भक्ति है और पत्रकारिता करते वक़्त गद्दारी करने वाला सबसे बड़ा देशद्रोही ।कुछ ऐसे भी पल आते है जब हमें हमारी पहचान को छिपाकर और अपने मन में पत्रकारिता को जिंदा रखकर काम करना पड़ता हैपत्रकार की महत्ता को समझाते हुए डॉ दिनेश चौधरी "सुहोदर" जी लिखते हैं किएक राष्ट्र की उन्नति में
निष्पक्ष पत्रकारविपक्ष से ज्यादा प्रभावशाली होता है!आप लोग जब भी पत्रकारिता का काम करो सबसे पहले दिमाग से ये निकाल दो कि हम जिसके लिए काम कर रहे है वो तो एक छोटा सा न्यूज़ चैनल है या फिर कोई वेब पोर्टल या कोई सोशल मीडिया पेज ।ये सब सोचने की बजाए सोचो की आप और कुछ नहीं सिर्फ देशभक्ति कर रहे हो और आपसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं है।
हर छोटे से छोटे पत्रकार की वैल्यू मेरी नजरों में उन तमाम पत्रकारों से कहीं बढ़कर है जो बड़े बड़े चैनलों पर बैठकर सिर्फ और सिर्फ़ पत्रकारिता के नाम पर देश के साथ धोखा करते हैं।इसलिए ध्यान रखना कि हमारी पत्रकारिता एक देशभक्ति है और हमारी पत्रकारिता पर किसी प्रकार का छींटा पड़ना । मतलब की कहीं ना कहीं हमारी देशभक्ति में कमी रह गई।इसलिए एक बार फिर से कह रहा हूं कि
*पत्रकारिता एक देशभक्ति है*इसलिए अपने अंदर की देशभक्ति को कभी भी मत मरने देना उसे हमेशा जिंदा रखना!