प्रकृति का निमंत्रण
प्रकृति का निमंत्रण
समस्त मानव जाति को आमंत्रित करती हूँ अपनी जीवन शैली सुधारने को;अपने उपभोग को नियंत्रित करने को ;अपने लालच को छोड़ने को।
अगर अपने अस्तित्व को बनाये रखना चाहते हो तो मेरे निमंत्रण को स्वीकार करो। अपने जीवन में चार आर का समावेश करो। अपनी जरूरतों को रिड्यूस करो। वस्तुओं को रियूज करो। वस्तुओं को री साइकिल करो। नया खरीदने की जगह पुराने की रिपेयर करो ।
वक़्त रहते निमंत्रण स्वीकार कर लो ;नहीं तो मेरे पास समझाने के और भी तरीके हैं।तुम्हें मुझे नहीं ,अपने आपको बचाने की आवश्यकता है । मेरा अस्तित्व तो कल भी था ,आज भी है ,और कल भी रहेगा । लेकिन तुम्हारे अस्तित्व पर खतरा मँडरा रहा है ।