Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

4.7  

Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

प्रारब्ध पुरुषार्थ और सफलता

प्रारब्ध पुरुषार्थ और सफलता

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मेहनत करने वाले को अपनी मंजिल और सफलता जरूर मिलती है प्रस्तुत है यह एक ऐसी कहानी जो बिल्कुल सच्ची है। कहते हैं ना मेहनत करने वालों की हार नहीं होती

 मंजिल उनको मिल ही जाती है।

सफलता हमको मिल ही जाती है।

हिम्मत ए मदद

 मदद ए खुदा

 एक लड़की की सच्ची कहानी है।

 इसके द्वारा मैं आपको बताना चाहती हूं की प्रारब्ध तो भगवान बनाता है।

 मगर सफलता अपने पुरुषार्थ से और संघर्ष से ही मिलती है। 

यहां मैं एक ऐसी लड़की की कहानी बता रही हूं जिसको जन्म के समय आंखों में फॉरसे प डिलीवरी की वजह से स्क्विंट आगया था।

 दोनों आंखों में 45 डिग्री एंगल का स्क्विंट था।छोटी सी बच्ची थी मगर लोग उसकी बहुत मजाक उड़ाते थे उसको बाडी बाडी कहकर चिढ़ाते थे।

यह बात उसके मम्मी पापा को अच्छी नहीं लगती।

उसके मम्मी पापा ने डिसाइड करा कि उसको ऑपरेशन करवाने के बाद ही स्कूल भेजा जाए। उसकी मम्मी प्रेग्नेंट थी टाइफाइड में थी फिर भी उन्होंने उसके ऑपरेशन के लिए जिद करी और ऑपरेशन करवाने के लिए उदयपुर मेडिकल कॉलेज में गए।

वहां उस बच्ची के दोनों आंख पर पट्टी लगा दी गई और बोला 4 दिन बाद ऑपरेशन करेंगे।उस समय मकान में जो किराएदार रहते थे उनके बच्चे को उसकी मम्मी डोरी से पांव में बांधकर दरवाजे से बांध देती थी। 

बच्ची की आंखों में पट्टी होने के कारण वह खेलते हुए उस डोरी में गई और गिर गई।उसकी जबान जरा सी जुड़ी रही बाकी कट गई, और काफी चोट लगी बहुत खून निकला उसकी मम्मी उसी समय उसको हॉस्पिटल लेकर गई। डॉक्टर्स बोले इसके जीभ पर टांके लगाने पड़ेंगे, तो उसकी मम्मी ने कहा इसके 4 दिन बाद ऑपरेशन है तभी इसकी जीभ पर टांके लगाएं पर तब तक कोई दूसरा उपाय करें तो अच्छा रहेगा। डॉक्टर उस बात को मान गए और उसको टेंपरेरी ट्रीटमेंट करके छोड़ दिया।4 दिन बाद उसकी जीभ तो थोड़ी ठीक हो गई थी। जब आंख का ऑपरेशन करने गए उसके पापा भी डॉक्टर थे वह भी साथ में थे तो डॉक्टर ऑपरेशन वाले डॉक्टर ने बोला की एक आंख का ऑपरेशन की बात हुई है मगर हमको दोनों आंख का ऑपरेशन करना पड़ेगा, तभी इसको सही विजन मिलेगा।

 उसके पापा ने बहुत कठिनाई से हां बोला, और बच्ची के दोनों आंख का ऑपरेशन करा।ऑपरेशन के बाद वह डेढ़ महीना हॉस्पिटल में रही आंखों में पट्टी के साथ, मगर बहुत ही शांति से वह टाइम निकाला, और बहुत अच्छी तरह से उसकी आंखों की रिकवरी हो गई।इसके बाद उसे सही समय पर स्कूल भेजा गया।

पहले इंग्लिश मीडियम, वहां से वह लोग गुजरात में आए और यहां गुजराती मीडियम में डाला गया।4 साल की बच्ची क्लास में सबसे छोटी और पढ़ने में अव्वल।.आते ही उसने गुजराती इंग्लिश और हिंदी तीनों पर अपना प्रभुत्व जमाया और एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में भी बहुत ही सिंगिंग वगैरह में बहुत पार्टिसिपेट करती थी। और बहुत नाम कमाया।

वहां से उसके पापा बडौदा आ गए बड़ौदा में उसने गुजराती मीडियम में स्कूल में एडमिशन लिया, बहुत अच्छे से पढ़ाई करी और गुजराती मीडियम में ही साइंस सब्जेक्ट लेकर के बहुत अच्छे नंबर से मेरिट से 10, ट्वेल्थ पास करे। बहुत सारे लोगों को पीछे छोड़ एम एस टेक्नोलॉजी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग जॉइन करा।वहां से डिस्टिंक्शन से इंजीनियरिंग क्लियर करा।उसके बाद एम ई भी वहीं से करा फर्स्ट रही ,और यूनिवर्सिटी ने 1 सिल्वर जुबली स्कॉलरशिप उस साल रिलीज करी थी, जो खाली एक ही जने को मिलनी थी वह उस को दी गई।

एम ई करने के बाद उसकी शादी उसके पसंद के लड़के के साथ की गई।

उन दोनों का एक सपना था कि बिना किसी से मदद लिए जिंदगी में बड़ी सफलताएं हासिल करें, और नामांकित मैनेजमेंट कॉलेज से पढ़ाई करके अपना भविष्य

 बनाएं।

अपने सपने को पूरा करने के लिए उन दोनों में से पहले उसके पति ने आई आई एम बेंगलुरु में एमबीए, पीएचडी में बहुत कठिन कंपटीशन में से सफल होकर एडमिशन लिया, और वहां से पीएचडी किया।

 तब तक

उसने लेक्चररोशिप की बच्चों को पढ़ाया।और उसके बाद 5 साल लेक्चरर शिप छोड़कर अपने बच्चों को बड़ा करा।

उन 5 सालों में उसने ऑनलाइन अमेरिकन और कैनेडियन स्टूडेंट्स को टीचिंग दिया, ब्रेन मास साइट के जरिए।

 उसी बीच बच्चे थोड़े बड़े हो गए, तब उसने अपनी तैयारी करके कंपटीशन से आई आई एम बेंगलुरु में एमबीए, पीएचपी करने का अपना सपना पूरा किया।इसी दौरान उसको 2014 स्टूडेंट ऑफ ईयर इंटरनेशनल अवॉर्ड जो कि इंडिया में से 2 को और होल वर्ल्ड में से तीन और खाली 5 को दिया गया था। उसमें उसको यह अवार्ड मिला जो उस का सपना था।उसके लिए उसको अटलांटा जाना पड़ा।

 वहां पर वह 4 साल रहे 2018 में वापस इंडिया आए। और जैसा कि उसकी इच्छा थी उसने अपनी एक कंपनी स्थापित करी अपने बच्चों को बहुत अच्छी परवरिश दे रही है।अपने मां-बाप, को सास ससुर, रिश्तेदार सबका ध्यान रखती है घर, परिवार सब को बहुत अच्छा संभालती है।और उसके साथ में अपने सपने भी पूरे करती है।इसको क्या कहेंगे प्रारब्ध भगवान का दिया हुआ था और पुरुषार्थ और मेहनत उसकी जिसने आज उसको सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। भगवान उसकी मनोकामना हमेशा पूरी करें, और उसको और तरक्की दे और बहुत अच्छा रखें।


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