Ankur Singh

Horror

4.5  

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प्राचीन ममी : ममी का कहर

प्राचीन ममी : ममी का कहर

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प्राचीन ममी : ममी का कहर पिरामिड ..

कई शताब्दी पहले मिस्र में राजाओ को दफनाने के लिए पिरामिड बनवाये जाते रहे है। उनके मरने के बाद उनके शव को विशिष्ट रसायन में डूबा कर, पूरे शरीर पर एक विचित्र पट्टी बांध दी जाती है जो उसी रसायन से लिप्त होती है फिर उनके शरीर को एक कवच में डाल कर सुरक्षित कर दिया जाता है। शव के बगल में खाना-पानी, दौलत जैसी चीजे रखी जाती है इस आस्था के साथ कि मरने वाले के अगले जन्म में ये सब काम आएगा। पिरामिड एक प्रकार का कब्रगाह है शवो का कब्रगाह .. राजाओ के लिए मकबरे बनाये जाते है वही आम इंसान को ऐसे ही दफना दिया जाता था। कुछ गंभीर मामलो में इन्ही मकबरों में जिंदा दफना कर सज़ा भी दी जाती रही है। सबसे बदनाम पिरामिड तूतन खामेन की रही है क्योकि उसके पिरामिड के अंदर घुसने वाले हर इंसान की मौत हो जाया करती थी। जिससे लोगो को लगने लगा कि ये काम उसकी आत्मा कर रही है पर बाद के रिसर्च में पता चला कि ये काम उस पिरामिड के अंदर रहने वाले चमगादड़ों का काम था जो लोगों को काट कर उन्हें गंभीर बीमार कर मार दे रहे थे।

इतना कह कर - प्रोफेसर रोबर्ट अपने छात्रों से की तरफ एक बार देखा और आगे कहना जारी रखा -

ये ममी जो देख रहे हो आप सब ये ऑस्ट्रेलिया में मिली है यकीन करना थोड़ा मुश्किल है कहा मिस्र और कहा ऑस्ट्रेलिया पर ये सच है ये ममी ऑस्ट्रेलिया में पुरातात्विक खुदाई में मिली है। ये बात जितनी दिलचस्प है उतनी ही रहस्यमयी भी कि आखिर ममी ऑस्ट्रेलिया में क्या कर रही थी, वहाँ कैसे पहुंची, क्या ऑस्ट्रेलिया में मिस्र का राज था या उनके अनुयायी वहा भी थे।

ऐसे बहुत से सवाल है जिनके जवाब अभी किसी के पास नही है। इस ममी के कास्केट के ऊपर कुरेद कर लिखी गयी इबारतें अभी पढ़ने में नही आ सकी है पर मुझे उम्मीद है जल्दी ही इस बारे में कुछ न कुछ पता जरूर चलेगा। तो छात्रों आप लोगो के इस बारे में क्या विचार है इसे अच्छे से देख ले बिना छुए और अगले शनिवार तक इस पर निबंध लिख कर मेरे आफिस में जमा कर दे।

ठीक है न …हे प्रिंस .. उस कास्केट को मत छुओ .. - प्रोफेसर रोबर्ट ने लगभग चिल्लाते हुए कहा।

प्रिंस ने घबरा कर अपना हाथ हटाया परंतु हाथ .. हटाते - हटाते भी कास्केट के एक खास स्थान पर लग गया। कास्केट के उस हिस्से से एक छोटी से सुई निकली और प्रिंस की एक अंगुली में घुस गयी। प्रिंस कराह पड़ा - प्रोफेसर रोबर्ट इस कराह से घबरा गए और तुरंत ही अपनी 20 सदस्यीय छात्रों की भीड़ में से रास्ता बनाया और प्रिंस के पास पहुंचे।

प्रोफेसर ने देखा कि प्रिंस की एक अंगुली में से खून निकल रहा है और कास्केट के एक खास स्थान पर उसका खून लगा है। प्रिंस ने पूरी बात बताई पर प्रोफेसर को यकीन नही हुआ इसलिए उन्होंने सभी छात्रों को म्यूजियम से बाहर जाने को कहा। छात्रों के जाते ही वो खुद कास्केट की जांच में लग गए। उन्हें पता है कि ये कास्केट सिर्फ आज के लिए ही यहां है और ये कल वापस ऑस्ट्रेलिया चला जाएगा। उन्होंने अपने एक सहायक रमेश को बुलाया।

प्रोफेसर रोबर्ट और उनके 20 छात्र स्टडी टूर पर इस म्यूजियम आये थे। हिस्ट्री के प्रोफेसर होने के बावजूद पुरातात्विक चीजों में उनकी गहरी रुचि थी। उनके साथ उनका सहायक रमेश भी आया था। दोपहर के 2 बजे का समय था और इस वक़्त म्यूजियम में ज्यादा लोग नही थे। प्रोफेसर ने मैग्नीफाइंग ग्लास से देखना शुरू किया। प्रिंस का खून वाला स्थान अब अपने आप सुख गया था वहां अब कोई खून नही था। काफी देर तक कोशिश कि पर उन्हें कुछ नही मिला। थक हार कर दोनो वापस अपने होटल के लिए निकले।

रात के करीब 12 बजे म्यूजियम के अंदर से मधुर संगीत गूँजने लगा। ऐसा पहले कभी नही हुआ था इसलिए म्यूजियम के कुछ गार्ड .. म्यूजियम के सोर्स का पता लगाने लगे। कुछ ही देर बाद उन गार्डों को एहसास हुआ कि ये आवाज़ उसी कास्केट के अंदर से आ रही थी। उन गार्डों को लग रहा था कि ये संगीत उन्हें सम्मोहित कर अपने पास बुला रहा है। संगीत के पाश में फंसकर उन लोगों ने जैसे ही हाथ रखा। कास्केट के अंदर से वैसी ही एक सुई निकली और एक गार्ड की उंगली में धंस गयी। गार्ड की दर्द भारी एक चीख निकल गयी। इससे पहले की वो गार्ड हाथ हटा पता। उस सुई के जरिये खून कास्केट के अंदर जाने लगा। देखते ही देखते सभी गार्ड किसी अनजान शक्ति के कारण उस कास्केट से चिपक गए। उनके हाथो में भी ऐसी ही सुई चिपक गयी। देखते ही देखते उस कास्केट ने सभी गार्डों का खून चूस लिया। गार्डों का शरीर ममीफाइड हो गया और वे कास्केट से अलग हो कर गिर पड़े। कास्केट में अचानक कुछ हलचल होने लगी.. कुछ ही देर में उस कास्केट में एक विस्फोट हो गया और एक पट्टियों में लिपटा शरीर बाहर आ गया। बाहर आते ही उसने चैन की सांस ली अपनी हजार सालों की कैद से आज़ाद हो गया। उसने इधर-उधर देखा पर वो समझ नही पाया कि ये कौन सी जगह है पर उसके दिमाग में एक टारगेट था जिसे उसे खोजना था। ममी ने अपने हाथ से कुछ कीटों को आजाद किया वे कीट एक खास दिशा में उड़ गए और उनके पीछे वो ममी भी हो लिया।

इधर होटल में प्रिंस को आपने हाथ में खुजली हो रही थी उसने बहुत कोशिश की पर खुजली खत्म ही नही हुई। उधर उन कीटों के जरिये ममी होटल के अंदर पहुंच गया था उसके कीटो ने होटल के मैनेजर और स्टाफ के शरीर से चिपक कर उसका सारा खून चूस लिए और वापस आ कर ममी के शरीर में उस खून को ट्रांसफर कर दिया। देखते ही देखते होटल शमशान घाट लगने लगा। लोगों का शरीर सूख कर ममीफाइड हो जा रहा था जबकि ममी को अपना पुराना शरीर वापस मिलता जा रहा था। होटल में मची चीख पुकार से प्रोफेसर और छात्रों को शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है और जैसे तैसे भागने की कोशिश करने लगे। प्रोफेसर और छात्र जैसे ही लिफ्ट में घुसे .. वैसे ही ममी सीढ़ियों से ऊपर आ गया। 3-4 को छोड़ बाकी सभी लिफ्ट के रास्ते नीचे पहुंच रहे थे पर बाकी बचे 3-4 छात्र उतने लकी नही थे। उनकी जाने भी ले ली गयी ममी के द्वारा और अब उनके खून से वो पूरी तरह अपना शरीर पा चुका था। इधर नीचे पहुंचते ही सब अलग - अलग रास्ते भागे .. प्रोफेसर को लगा कि इसका हल वही कास्केट में मिलेगा। उसने अपनी कार निकली और न जाने क्या सोच कर प्रिंस को अपने साथ लिया। म्यूजियम पहुंच कर दोनो ने जैसे ही अंदर प्रवेश किया लाशों के ढेर देख कर दंग रह गए।

प्रोफेसर ने तुरंत कास्केट को मैग्नीफाइंग ग्लास से देखने का प्रयास किया कि तभी पीछे से आवाज आई-खामखां वक्त जाया न करो प्रोफेसर तुम क्या जानना चाहते हो मुझसे पूछो - ममी की आवाज़ सुन कर दोनो भयभीत हो गए। ममी ने बताना शुरू किया कि - वो एक तांत्रिक था जिसकी गलतियों ई वजह से राजा के बेटे की मौत हो गयी तब उन्होंने जिंदा मुझे इस कास्केट में दफना दिया लेकिन मेरा वारिस मुझे जिंदा कर सकता है ये बात उन्हें नही पता था। प्रिंस उसका वारिस है .. क्योकि प्रिंस के शरीर में जो खून है उसमे कुछ अंश उस ममी का भी है।

प्रोफेसर समझ गए की अब प्रिंस नही बचेगा उन्होंने ममी से लड़ाई शुरू कर दी। इतने देर में प्रिंस ने मकबरे की लिखावट को पढ़ना शुरू किया। कुछ ही देर में उन्हें समझ गया कि एक लॉकेट है जो ममी को अगर पहना दिया जाए तो वो ममी वापस से शांत हो जाएगी लेकिन पहनाने वाला भी मारा जाएगा। प्रिंस ने लॉकेट को को खोजना शुरू किया उधर प्रोफेसर साहब मार - खा - खा कर अधमरे से हो गए थे। प्रिंस को कास्केट के अंदर एक मुकुट जैसा कुछ मिला जिस पर लॉकेट रखा था। लॉकेट ले कर भागता हुआ ममी के पास पहुंचा .. लॉकेट को सामने देखते ही ममी कमजोर पड़ने लगा। प्रोफेसर समझ गए इससे पहले कि प्रिंस ये लॉकेट ममी को पहनाता प्रोफेसर ने प्रिंस के हाथ से लॉकेट छीन कर खुद ही ममी के गले में डाल दिया और देखते ही देखते दोनो राख में बदल गए।

प्रिंस बच गया .. और उसके कुछ दोस्त भी पर रात भर में इतनी लाशें बिछी है जिनका कोई जवाब नही था किसी के पास।


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