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Nandita Srivastava

Others

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Nandita Srivastava

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पिताजी

पिताजी

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मेरे पिताजी बहुत ही बड़े अधिकारी थे, हम तो सब भाई बहनों में सबसे छोटे पर माँ जी के ही करीब थे, पिताजी का भाई बहनों के बीच बहुत दोहरा नजारिया रखते थे, इसलिये हम उनको बहुत पंसद कर नहीं पाते थेऐसा नहीं हम बहनों को पढ़ाया लिखाया नहीं पता नहीं हमेशा भाइयों के लिये सोचते थे, पर यह शायद उनकी मानसिकता थीपर कुछ किया नहीं जा सकता वैसे ही परिवेश में रहे होगें आज पिताजी तो नहीं है, कुछ यादें जुड़ी रहेगी ज़िदगी भर हमको आज भी याद है कि वह माँ से कहा करते थे हमारे बारे में कि देखना एक दिन यह चुनिया जो हमारा घर का नाम है एक दिन बड़ा नाम करेगी हम तो यह नहीं जानते की हमारा नाम है कि नहीं पर जो भी हूँ बड़ों के आशीष से ही हूँपर जो भी हो हमारे जीवन का अहम किरदार है बहुत याद आती है पिताजी आपकी, बस आशीष बरसाते रहे हमारे ऊपरआज बस यही तक


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