फोन कॉल
फोन कॉल
"सर........ सर!! अभी थाने में फोन आया है, आप को बयान लेने के लिये बुलाया।" थाने से कॉन्स्टेबल का फोन आया।
" क्या हुआ? कोई एक्सीडेंट का केस है क्या? तुम लोग चले जाओ बयान ले लो......." सब इंस्पेक्टर विवेक बोले।
"सर आप को ही जाना पड़ेगा कोई बलात्कार हुआ है, लड़की की हालत गंभीर बहुत बताई जा रही।"
"अच्छा ठीक है तुम दो लोग हॉस्पिटल पहुँचो मैं सीधा वहीं आता हूँ।" विवेक फ़ोन रखते ही जाने के लिए सोफे से उठ खड़े हुए।
"आप अभी ही आये तुरंत फोन आने लगे कम से कम चाय पी लेते शांति से......." पत्नी खीझ कर बोली।
"जितनी जल्दी बयान हो जाएगा इलाज चालू हो जाएगा मुझे जाना ही होगा........"
"ऐसे कैसे? दिन भर बाद आये और फिर भागे जा रहे हो........कुछ खाये बिना नहीं जाना है........"
"ठीक है तुम चाय बना लो और रूबी बिटिया को बुलाओ वो भी आ के साथ में बैठे कुछ देर।"
"रूबी तो सहेली के जन्मदिन पार्टी में गई है।" कहते हुए विवेक की पत्नी रसोई में चली गई।
गैस जलाया ही था कि विवेक की पत्नी का मोबाइल बजा।
"जरा देख लीजिए आप ही किस का फ़ोन है।" आरती रसोई घर से पति से बोली।
"जो आज्ञा श्रीमती जी!" कहते हुए विवेक ने मोबाइल हाथ में उठा लिया।
" अरे रूबी का फ़ोन है, हाँ बेटा कब तक आ रही हो घर?" बिना आवाज सुने ही विवेक बोले।
"आप की बेटी को कुछ लोग हॉस्पिटल लाए है हालात गंभीर है।" सामने से आवाज आई।
"हॉस्पिटल... मेरी बेटी... क्या कह रहे?"
विवेक की टूटी टूटी घबराई आवाज सुन कर पत्नी गैस बंद कर बाहर आई चिल्लाते हुए, "क्या हुआ किस का फोन है जल्दी चलिए हॉस्पिटल?"
अपनी ही बेटी का बयान लेने बुलाया जा रहा था दोनों को खबर ही नहीं थी।