फिटनेस कोच - आशु होरा
फिटनेस कोच - आशु होरा


अपने आलेखों में मैंने अनेक परिचित/अपरिचित व्यक्तियों के गुणों, प्रयासों, कर्मों एवं उनकी उपलब्धियों को अपना लेखन विषय वस्तु बनाया है। मेरा मानना है, ऐसे आलेखों से पढ़ने वालों को प्रेरणाएँ मिलती हैं। ऐसी प्रेरणाओं को ग्रहण करते हुए, पाठक न केवल अपना हित करते हैं, अपितु समाज एवं राष्ट्र हित में योगदान को भी प्रेरित होते हैं।
इसके पूर्व हमारी सोसाइटी ‘एट्रिया’ में, मैं आशु होरा को एक फिटनेस कोच के रूप में सदैव सक्रिय देखता रहा था। एक प्रातःकाल, मैंने आशु होरा को भ्रमण करते हुए देखा था तब मैंने पहल की थी, मैं उनके साथ हो गया था। उनके साथ भ्रमण करते हुए, मैंने आशु जी से विस्तृत चर्चा की थी।
आशु के अनुकरणीय गुणों एवं उनके समग्र व्यक्तित्व को मैंने जाना-समझा है। अपने मित्र एवं पाठकों को आशु के अनुकरणीय व्यक्तित्व से परिचय कराने के अभिप्राय से मैं यह आलेख लिख रहा हूँ।
सेट्स एन रेप्सयह आशु जी एवं ज्योति जी के प्रतिष्ठान (Firm) का नाम है। आशु एट्रिया में चार वर्षों से निवास कर रहीं हैं। इन वर्षों में अपने चुंबकीय व्यक्तित्व (Magnetic personality) के कारण आशु जी, यहाँ लोकप्रिय हुई हैं। सोसाइटी के लगभग सभी निवासी उन्हें न केवल जानते हैं, बल्कि यहाँ लगभग सभी उनके प्रशंसक/मित्र भी हैं। मैं यह समझ रहा हूँ, आशु के बारे में लिखने के प्रयास में, उनके साथ मैं स्वयं को भी प्रसिद्ध कर रहा हूँ।
किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को देखने से, हम उसके व्यक्तित्व से संबंधित सतही बातें ही जानते हैं, जब कोई लेखक ऐसे व्यक्ति के बारे में लिखता है तब आलेख को पढ़ने वाले, उस विख्यात व्यक्ति के विचार, जीवन सपने एवं जीवन लक्ष्य के बारे में भी जान पाते हैं।
आशु के बारे में लिख कर मैं पाठकों को ऐसी जानकारियाँ देने का प्रयास कर रहा हूँ, जो पढ़ने वालों को आशु के गुण, उपलब्धियों एवं विशेषताओं का ज्ञान करातीं हैं। ज्ञान होने से उनकी अच्छाइयाँ पाठकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन सकती हैं।
वास्तव में लगभग अढ़ाई वर्ष के अपने एट्रिया के समय में, मैं आशु को विभिन्न स्थलों पर लगभग प्रतिदिन देखता रहा हूँ। प्रायः आशु एट्रिया के विभिन्न हॉल/पार्क/बैठक स्थलों में, निवासियों के विभिन्न समूह को, योगा, फिटनेस एवं हेल्थी लाइफ स्टाइल के बारे में क्लास लेते देखी जाती हैं। आशु की मॉर्निंग क्लासेज सूर्योदय के समय, 5.45 बजे आरंभ होती है। आशु संध्या के समय में भी ऐसी ही क्लासेज लेतीं हैं। उनकी क्लासेज के काल खंड (अवधि) एक घंटे की होते हैं।
क्लास में आशु के साथ उनकी सहयोगी ज्योति खेड़ा होतीं हैं। ज्योति जी के बारे में यहाँ यह उल्लेख उचित होगा कि वे 40 किमी फुल मैराथान रनर हैं। आशु एवं ज्योति के साथ होने से फिटनेस क्लास बिना बाधा वर्ष भर चलती है। सेट्स एन रेप्स क्लासेज में युवक/युवतियों से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक सभी होते हैं।
एक क्लास में उनके लगभग 10-12 सहभागी उनके समक्ष होते हैं। आशु की क्लास में ऑनलाइन सहभागी भी जुड़ते हैं। ये सहभागी हैदराबाद की विला’ओं के साथ भारत में भिलाई, कडपा, यू एस में सिएटल, कडोका, जर्मनी में बर्लिन और सऊदी अरब में रियाद आदि से भी जुड़ते हैं। आशु की एक क्लास में ऐसे दूरस्थ सहभागियों की संख्या अधिकतम 20 पर सीमित रखी जाती है ताकि प्रत्येक सहभागी पर आवश्यक ध्यान दिया जा सके। फिटनेस क्लास के अतिरिक्त आशु को बहुधा प्रातः/संध्या कालीन भ्रमण/जॉगिंग करते हुए भी देखा जा सकता है।
आशु जी की बेटी
औरों की फिटनेस सुनिश्चित करने की अपनी सेवा भावना का लाभ वे दूसरों तक पहुँचातीं ही हैं, साथ ही इस अच्छाई के लिए समर्पित होने के कारण से इसका लाभ स्वयं आशु को भी मिलता है।
इसका साक्ष्य यह है कि आशु की 10 वर्षीया एक सुपुत्री भी है। अभी आशु की वय लगभग 35 वर्ष की है। अगर आशु जी अपनी 10 वर्षीया बेटी की मम्मा होने की बात, किसी अपरिचित को नहीं बताएँ तो उनकी फिटनेस देखकर कोई उन्हें 25 वर्ष की नवयुवती ही समझ पाता है।
आशु ऐस (ACE) सर्टिफाइड फिटनेस कोच हैं। आशु बताती हैं, वे फिटनेस प्रोफेशनल के रूप में 10 से अधिक वर्षों से सक्रिय हैं। पहले जब उनकी सुपुत्री छोटी थी, तब उन्होंने इस काम पर कम समय दिया था। आशु बताती हैं, वे अपनी बेटी की देखरेख (Care) स्वयं करना चाहतीं थीं, ताकि बेटी के लालन-पालन एवं संस्कार में किसी तरह की कोई कमी न रहे।
वास्तव में अपने बच्चों के लिए भारतीय माता-पिता के त्याग असंख्य और शब्दों में अवर्णनीय है। जब आशु ने स्वयं की उन्नति में समय लगाने के स्थान पर बेटी की देखरेख को प्रमुखता दी तब आजकल के चलन से यह थोड़ी भिन्न बात थी। यह देखने में यूँ लगती है, एक माँ ने बेटी के लिए, अपने हितों का त्याग किया है। वास्तव में यह ऐसा नहीं होता है। अपने बेटी पर दिया समय भावी समय में आशु एवं उनके पतिदेव कमल जी के लिए हितकारी सिद्ध होगा।
हम भारतीय माता पिता की चारित्रिक विशेषताओं में एक अद्भुत बात होती है, हम अपने से अधिक अपने बच्चों के सुख, सफलता एवं ख्याति से हर्षित होते हैं। निश्चित ही कभी कमल-आशु के भी जीवन संध्या का काल आएगा। तब अपने अभी किए त्याग के बदले में, वे अपनी बेटी को सफलता के शिखर पर विराजमान देखेंगी। तब उन्हें बेटी का सुखद जीवन संतोष एवं सुख की अनुभूति प्रदान करेगा।
मैंने देखा है, कई अत्यंत सफल माता-पिता द्वारा, यौवन काल में अपने पर ही अधिक ध्यान देने से, उनकी संतानें उतनी सफल नहीं हो पातीं हैं। तब वृद्धावस्था में उन्हें अपेक्षित योग्य नहीं देखना, माता-पिता के लिए दुखदाई होता है।
आशु-कमल अपनी इकलौती बेटी के लालन पालन में जितना ध्यान एवं गंभीरता रखते हैं, उससे निश्चित ही उनकी बेटी को भविष्य में विशेष उपलब्धियों का वरदान मिलेगा। तब बेटी की उपलब्धियाँ, कमल-आशु को गौरव एवं संतोष प्रदान करेंगी।
अब जब से आशु की बेटी स्कूल जाने लगी है तथा वह अपना ध्यान रख लेने योग्य हो गई है। अब आशु ने फिटनेस क्लास में अधिक समय देना आरंभ कर दिया है। अब उनके जीवन में पारिवारिक एवं एक अच्छे फिटनेस कोच के दायित्वों का अच्छा समन्वय देखने मिलता है।
सेट्स एन रेप्स की उपलब्धियाँ
यह आशु जी एवं ज्योति जी की विशेषज्ञता का प्रमाण है कि इनकी क्लास जॉइन करने वालों में से, 60 से अधिक व्यक्ति ऐसे हुए हैं, जिन्होंने ओवर वेट से निजात पाया है। उनमें अद्भुत ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है। 80-100 किलो वेट वाले ‘अनफिट’ अब 60-70 किलो के ‘फिट’ व्यक्ति हुए हैं।
आशु उस तरह के योगा एवं व्यायाम का अभ्यास अपने स्टूडेंट्स से करवातीं हैं, जिनसे बढ़ती आयु के साथ, नित दिन मांसपेशियों (Muscles) के कमजोर होते जाने की प्रवृत्ति को रोका जा सकता और उन्हें मजबूत बनाए रखा जा सकता है।
आशु जी, बढ़ती उम्र में होने वाली जोड़ों/घुटनों की समस्याओं के निदान वाले योगा एवं एक्सरसाइज करवाती हैं। आशु एवं ज्योति चाहतीं हैं, उनके लिए अपने प्रतिष्ठान के माध्यम से आय से अधिक प्रधान, वह भाव रहे जो बच्चों, युवाओं सहित वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य रक्षा सुनिश्चित करता है।
आशु का मानना है कि मानसिक एवं शारीरिक रूप से अधिक फिट नागरिक, अपने अधिक सुखद जीवन के साथ साथ, हमारे समाज एवं राष्ट्र को सुखद एवं शक्तिशाली बनाते हैं। आशु का अपने फिटनेस प्रोफेशन से संतुष्ट रहने का कारण है, यह न केवल उन्हें अपितु उनकी कक्षा के सहभागियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से समर्थ बनाता है। सेट्स एन रेप्स के सहभागी, हमारे राष्ट्र की समृद्धि एवं विकास की यात्रा में अधिक योगदान एवं सहयोग करने में समर्थ होते हैं।
आशु की शिक्षा यूनिवर्सिटी ऑफ़ देहली से हुई है। वे ह्यूमन रिसोर्सेस स्पेशलिस्ट हैं। फिटनेस कोच के रूप में उनकी विशेषज्ञता बहुमुखी है। वे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करतीं हैं। वे अपनी क्लास के माध्यम से विभिन्न व्यायाम एवं योगासनों की कोचिंग प्रदान करतीं हैं। व्यायाम में वे कार्डियो/पाउंड सत्र भी लेतीं हैं।
नवंबर 2022 में तेलंगाना पुलिस के 'कमांड एंड कंट्रोल सेंटर' हैदराबाद में, विभाग कर्मियों के फिटनेस प्रोग्राम 'फिट-कॉप' के अंतर्गत कोचिंग हेतु ‘सेट्स एन रेप्स’ को अवसर दिया गया था। वहाँ कोचिंग प्रदान करते हुए, आशु को यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि तेलंगाना पुलिस में कार्यरत नारी-पुरुषों की फिटनेस बहुत अच्छी है।
आशु यह विश्वास करातीं हैं कि जब आप स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूम से फिट करते हैं तब अपनी ग्रह दशा में भी सुधार कर रहे होते हैं।
आशु जी के विचार
रात्रि जल्दी सोने और प्रातः काल 4 बजे जाग जाने वाली आशु जी, “यू कैन हील योर लाइफ” स्वयं मानती हैं, अपने स्टूडेंट्स में भी यही आत्मविश्वास उत्पन्न करने में सहायक होती हैं। आशु, सहभागियों को उनकी भावनात्मक समस्याओं एवं शारीरिक विकृतियों के कारकों को पहचानने में सहायक होती हैं। आशु जी, व्यायाम एवं योगा आदि के माध्यम से, सहभागियों की सोच और जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ देतीं हैं। वे मन, शरीर, भावनाएँ और आत्मा स्तर के, सभी चार पहलुओं हेतु प्रेरणा देतीं हैं।
आशु की क्लास, सहभागियों के लिए, स्वयं को जानने में सहायक होकर, उनके अपने अंदर एक नई खोज को प्रेरित करती है। यह खोज कर लेने पर हर व्यक्ति में अपने आपको और दूसरों को परिपूर्ण रूप से प्यार करने की क्षमता विकसित होती है।
प्रत्येक व्यक्ति में नकारात्मक भावनाएँ संचित होने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। आशु की क्लास, स्टूडेंट्स के लिए सकारात्मक विचारों एवं भावनाओं से सशक्त बनने में सहायक होती है। वास्तव में अतीत में जो हुआ होता है, वह स्वतः सीमित हो जाता है। फिर भी कोई मनुष्य, अतीत को अधिक महत्व देने के कारण अपने संभावित समृद्ध भविष्य की तरफ से उदासीन हो सकता है।
आशु की सप्ताह में तीन बार एक घंटे की क्लास, अतीत की नकारात्मकता को विस्मृत करने में सहायक होकर, भविष्य को उज्जवल करने की प्रेरणा होती है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमताओं का बोध करके, जीवन के किसी भी क्षेत्र में अधिक सफल हो सकता है। यह सब आशु के जैसे सकारात्मक विचार रखने वालों की संगति से संभव होता है।
सोसाइटी में सुविधा अच्छी होने से, आशु अपनी सोसाइटी को ‘रनर्स सोसाइटी’ की तरह बनने को प्रेरित करतीं हैं। आशु स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री के प्रयोग पर बल देतीं हैं।
आशु का संस्कृति, वातावरण एवं पर्यावरण को लेकर दृष्टिकोण अत्यंत स्पष्ट है। वे चाहतीं हैं, हमें ऐसी दुनिया छोड़कर जाना चाहिए जैसी हमें यह मिली थी। इस हेतु वे आगामी पीढ़ियों को, प्रकृति संरक्षण तथा शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की परंपराओं की विरासत देना चाहती हैं।
आशु के मन / अंतर्मन में अनुकरणीय विचार यह भी होता है, ‘जितना संभव हो हमें अपने कार्य या अप्रिय शब्दों से, किसी के मन को दुखाने से बचना चाहिए’।
वास्तव में आशु जी अपने आप में, समाज कल्याण के लिए काम करने वाली एक संपूर्ण संस्था हैं।
आशु जी, ब्रूनो मार्स की प्रशंसक हैं। वे कुछ अंश में उनका अनुसरण करतीं है।
आशु जी, ‘होलिस्टिक फिटनेस विथ ट्रोंज़ी’, हैदराबाद की उर्वशी अग्रवाल की प्रशंसक एवं मित्र हैं। उर्वशी जी और आशु जी के लक्ष्य एक से हैं। ‘होलिस्टिक फिटनेस विथ ट्रोंज़ी’ एवं ‘ सेट्स एन रेप्स’ क्लासेज लगभग समान लक्ष्य पर काम करती हैं। दोनों ही वेट ट्रेनिंग, पिलाटेस एवं योगा ट्रेनिंग प्रदान करतीं हैं।
योगा जहाँ मस्तिष्क एवं शरीर दोनों पर समान रूप से प्रभावी होता है, वहीं पिलाटेस, व्यायाम का वह रूप है जो शरीर शक्ति पर जोर देने के साथ शरीर को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह सामान्य फिटनेस और समग्र कल्याण में सुधार करने में सहायक होता है। योगा के समान ही पिलाटेस भी आसन, संतुलन और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करता है।
आशु बताती हैं कि ‘ सेट्स एन रेप्स’ की एप्रोच साइंटिफिक होती है। आशु एवं ज्योति दोनों ही ऐसी विशेषज्ञ हैं, जो व्यक्ति के पोस्चर एवं चलने-बैठने से ही उसकी समस्या समझ जातीं हैं तथा अपनी क्लास के माध्यम से उसका समाधान करतीं हैं।
सेट्स एन रेप्स की हर क्लास के अंत में 10 मिनट मैडिटेशन सत्र होता है। इसमें ध्यान स्वयं पर एकाग्र करते हुए ईश्वर के अस्तित्व को समझा जाता है। मैडिटेशन मनुष्य जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करता है।
आशु जी एवं ज्योति जी को बधाई एवं शुभ कामनाएँ, आल द बेस्ट फॉर ज्योति एन्ड आशु’स ‘ सेट्स एन रेप्स’। स्टे स्ट्रांग विथ सेट्स एन रेप्स!