फिसलती रेत
फिसलती रेत
आज ऑफीस जाते हुए वह मिली। मुझे देखते ही उसने झट से नमस्ते कहा। मैंने भी गर्दन को हल्का सा झुका कर नमस्ते का जवाब दिया।वह मेरे ऑफीस में काम करती है। आजकल लोग ज्यादातर कॉन्ट्रैक्ट पर ही रखे जाते है। वह भी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करती है। पिछले दिनों उसके बारें में बातचीत में किसी ने कहा था कि उसे पति ने छोड़ दिया है। दो छोटे बच्चों की परवाह नही की और किसी के साथ रहने लगा है।आजकल यह किसी तरह काम करके अपना और बच्चों का गुजर बसर कर रही है।
उसके नमस्ते के जवाब में मुझे लगा कि उससे बात करूँ और पूछूँ की क्या पति की कोई ख़बर मिली है? कभी उसका कोई खयाल आता है?
लेकिन फिर महानगर के कायदे कानून और रस्मोरिवाज को जानते मैं आगे बढ़ गयी। मुझे लगा फिर भी मैंने धृष्टता की तो शायद वह कह दे कि ऐसे आदमी का अपने मन में क्यों ख्याल आने दे जो अपने बीवी वच्चों की परवाह किये बग़ैर छोड़ कर गया हो।
इतने मुश्किलात का सामना करते हुए उसका वह कहना क्या सही नही होगा अगर वह कह दे ?