तुम्हें जब तक यह चिट्ठी मिलेगी शायद मैं इस दुनिया में नहीं रहूँगी। तुम्हें जब तक यह चिट्ठी मिलेगी शायद मैं इस दुनिया में नहीं रहूँगी।
मैं छह बजे उठी और कोई आश्चर्य नहीं, यह मेरा जन्मदिन था। मैं छह बजे उठी और कोई आश्चर्य नहीं, यह मेरा जन्मदिन था।
कुछ दिनों में आरती अपने पैरेंट्स के पास गई और उन्हें अपनी पूरी आपबीती सुनाई। कुछ दिनों में आरती अपने पैरेंट्स के पास गई और उन्हें अपनी पूरी आपबीती सुनाई।