sonal johari

Drama Horror Romance

3.7  

sonal johari

Drama Horror Romance

पार्ट 18 :-क्या अनामिका वापस आएगी ?

पार्ट 18 :-क्या अनामिका वापस आएगी ?

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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि राहुल और अंकित की झड़प हो जाती है ..उसी दौरान राहुल कहता है कि अनामिका उसे सबके सामने रिंग पहना चुकी है ..और गुस्से में आगबबूला अंकित अनामिका के घर जाने के लिए ऑफिस से निकल पड़ता है ...

अब आगे --

★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★

अंकित को बाहर निकलते देखकर सूरज उसके पास दौड़ते हुए आया .."कहाँ जा रहे हो ..इतनी जल्दी में यार"

"सूरज ... ..बाद में बात में बात करता हूँ"

"हुआ क्या है.... यार ? "

"कहा ना.... बाद.... में " अंकित ने दांत भीचते हुए कहा..जैसे ही सूरज ने उसकी गुस्से में लाल आंखे देखी तो चुप हो गया 

भागता हुआ अंकित अनामिका के घर पहुंचा ...देखा दरवाजा बंद था ...पैर वहीं रखे ..जहाँ कदम रखते ही दरवाजा खुल जाता लेकिन इस बार दरवाजा नहीं खुला ...तो गुस्सा और बढ़ गया 

एक बार ...दूसरी बार ..वही प्रक्रिया अपनाई लेकिन नहीं खुला दरवाजा ..वो जोर से चीखा "अ ...ना.. मि ...का ...दरवाजा खोलो ..मैं कहता हूँ ...खोलो दरवाजा ..." 

कई बार उसने डरवाजे पर पैर रखा... कई आवाजे लगायी लेकिन ना तो अनामिका का जवाब मिला ना दरवाजा खुला ...हताश अंकित वहीं उसके दरवाजे के बाहर सीढियों पर बैठ गया ...और बहुत देर तक बैठा रहा..पहले गुस्सा बढा फिर हताशा और चिढ़ ...और आखिर में उसने खुद को ये बोलकर समझाया कि किसी काम से शायद कहीं गयी हो..मुझे उससे तसल्ली और आराम से बात करनी चाहिए...और इंतजार करते करते ..लगभग दो घण्टे बीत जाने के बाद के इंतजार के बाद वो बापस घर आया और सोच विचार में डूबा सो गया ...

सुबह उठा तो खुद से ही बोला अच्छा रहा अनामिका उस वक़्त मुझे नहीं मिली ..ना जाने गुस्से में क्या करता मैं.. और उसे भी लगता कि अंकित को भरोसा तक नहीं मुझ पर.... नही नहीं ..बहुत गलत हो जाता... आज जाकर राहुल से ही पूछुंगा शांति से ...लेकिन कल तो इतनी बड़ी बात हो गयी है..हाँ ...ठीक है इस बारे में उससे कोई बात नहीं करूंगा ..शांति और प्यार से अनामिका से ही पूछ लूँगा आज शाम को जब मिलने जाऊंगा ...हाँ यही ठीक रहेगा...मन ही मन ये तय करके वो ऑफिस चला गया...

xxxxxx

जाते ही राव सर ने बुला लिया ..कुछ एक लेटर टाइप कराकर ...उन्होंने राहुल को भी वही बुला लिया वो अपने हाथ में एक फोल्ड किया हुआ बड़ी सी फ़ोटो पकड़े हुए था..राव सर उससे बोले

"राहुल ...काम कहाँ तक पहुंचा ...

"समझिये हो गया... कल या परसों से ही उस बंगले को तोड़ना शुरू कर देंगे ...बस्स ये समंझ नहीं आ रहा बाहर की साइड क्या करे ...कौन सा डिजाइन बनवाऊं.." 

"हम्म .जरा दिखाओ तो ..कौन सी जगह की बात कर रहे हो "? 

"जी ...कहते हुए उसने वो तस्वीर खोल कर उनकी टेबिल पर रख दी ......इतने में राव सर का फ़ोन बजा और वो केविन से बाहर निकल गए..

ये ...ये तो अनामिका का बंगला है ..अंकित के मुंह से निकला...वो आंखे फैलाये ..आश्चर्य से कभी उस तस्वीर को देखता तो कभी राहुल को...

"अंकल ने भी ना..पागलों की फौज इकट्ठी कर रखी है इस ऑफिस में " राहुल खीज़ता हुआ बुदबुदाया

"ये तस्वीर तुम्हारे पास कैसे ...ये तो अनामिका का घर है ना" ?अंकित ठीक राहुल के सामने आकर बोला 

राहुल :--" हाँ तो...हम मॉल बना रहे हैं वहाँ ..इस बंगले को तोड़ कर ...और ये बात तुम्हे पता तो है ..तो फिर ये सब... "

अंकित :-"क्या ..तुम लोग ऐसा कैसे कर सकते हो "?

राहुल :-"क्यों ..क्यों नहीं कर सकते ...हमने खरीदी है ये जगह "

अंकित :- ( सोचते हुए ..अगर ये बंगला बिक चुका है तो उसने बताया क्यों नहीं ...) राहुल ..उसके पेरेंट्स भी अभी बाहर हैं..वो अकेली है "

राहुल :-"कौन अकेला है ...किसकी बात कर रहे हो "? राहुल ने झुंझलाते हुए कहा 

अंकित :-"अनामिका अकेली है ...अभी ..." 

राहुल :-" पागलपन की भी कोई हद होती है " वो झुँझलाया

अंकित :- "अब मैं समंझा ..तो असल वजह ये है ..तुम लोगों की नजर उसके बंगले पर है " 

राहुल :-"बस्स बहुत हुआ पागलपन ..अंकित ...निकल जाओ यहाँ से" राहुल ने अंकित को धक्का मारते हुए कहा 

"जब तक मैं जीवित हूँ ..उसका और उसके परिवार का कोई कुछ.... नहीं ....बिगाड़ ...सकता समझे ...तुम" और ये बोलने के साथ ही अंकित ने राहुल का कॉलर पकड़ लिया ...राहुल गुस्से से भर गया ...आंखे लाल ही गयी ..चेहरा कांपने लगा और उसने

"तुम्हारी इतनी ...हिम्मत .." बोलने के साथ... ही अपने सीधे हाथ से अंकित के गाल पर एक झापड़ रसीद कर दिया 

झापड़ पड़ने से गुस्से में अपना आपा खो बैठा अंकित ...और एक जोरदार पंच रसीद कर दिया राहुल के मुंह पर ...."इसी मुंह से नाम लेता है ना ...तू उसका "

"कल तुझे छोड़कर ...गलती कर दी मैंने ..." दाँत भीचते हुए राहुल बोला, और बोलने के साथ ही उसने जोरदार पंच अंकित के मुंह पर मारा ..बेलेंस ना रख पाने से अंकित जमीन पर गिर गया ..और राहुल ने पास जाकर उसे कॉलर पकड़ उठाया ...तभी

"क्या हो रहा है ...मैं पूछता हूँ ....हो क्या रहा है ....ये " राव सर ने ऊंची आवाज में पूछा ..वो केविन में बापस आ गए थे...

दोंनो चुपचाप और शांत हो गए थे ...लेकिन उन दोनों को देखकर राव सर आसानी से समंझ गये ..कि दोनों के बीच मारपीट हुई है "हुआ क्या है ...कोई बताएगा मुझे ...तुम लोग यूँ बच्चों की तरह ...हद्द है ..(फिर अपनी सीट पर बैठकर वो कुछ पल चुप रहे फिर बोले) ....राहुल ...अंकित ...यहाँ सामने आकर बैठो ..जल्दी 

दोंनो कुर्सियों पर बैठ गए ..राव सर अंकित की ओर देखकर बोले "अंकित तुम बताओ ...बात क्या है "?

"सर ..बात ये है कि मैं एक लड़की से प्यार करता हूँ..और वो मुझसे ...लेकिन कल राहुल ने कहा कि वो उसी लड़की से अगूंठी पहन चुका है..मुझे यकीन है कि ये झूठ है"?

राहुल : अंकल ....सुन रहे हैं आप ? राहुल खीजते हुए बोला तो राव सर ने उसे शांत रहने का इशारा किया..और अंकित से बोले

राव सर :-"हम्म.. आगे "? राव सर अंकित को बहुत गंभीरता से सुन रहे थे

अंकित:--"लेकिन मैंने अभी- अभी देखा .(फिर.मेज पर पड़े बंगले की फ़ोटो की ओर इशारा करते हुए ) ये जिस बंगले पर रॉड रोलर चलाने की बात कर रहा है..वो अनामिका का है। 

राव सर:- ...तो तुम जानते हो अनामिका को ? हाँ ..अनामिका का ही है ये बंगला .तो 

राहुल :--"हुम् ..सिर्फ जानता ही नहीं है ...अंकल ..ये ..उससे प्यार करने का दम भरता है...कल भी हमारी झड़प हो चुकी है ...मैंने सोचा जाने दूँ.इसीलिए नहीं बताया आपको .(दाँत भीचते हुए )लेकिन इसने तो "

राव सर :-(राहुल को रोकते हुए ) एक मिनट राहुल ...हाँ तो अंकित ..मुद्दे पर आओ ..बात पूरी करो "

अंकित :-"क्या वो बंगला आप खरीद चुके है ...अनामिका के पेरेंट्स से "?

राहुल :-मैं पूछता हूँ.. ये हमसे सवाल करने वाला होता कौन है " राहुल ने झुँझलाकर कहा तो राव सर ने उसे इशारे से फिर से चुप करा दिया 

राव सर :--"हाँ ..खरीदा है. ...जो बात है...सीधे -सीधे बोलो ..अंकित ...क्या... तुम्हें उस बंगले में इंट्रेस्ट है?"

अंकित :--मुझे नहीं पता था ..कि आपने ख़रीद लिया है बंगला ....बस्स मैं इतना जानता हूँ अनामिका अभी अकेली है उसके पेरेंट्स बाहर गए हैं..उसका ख्याल रखना मेरी जिम्मेदारी है ..

राब सर :-- राहुल की ओर देखकर कहा" जरा अनामिका का फोटो तो लाना ...राहुल

राहुल :- (झींकते हुए ) "अंकल.... ये उसी की बात कर रहा है .."

राव सर :- "राहुल...फ़ोटो लाओ " उन्होंने सख़्त लहजे में कहा तो राहुल अपने केविन से अनामिका की फ़ोटो ले आया ...राव सर ने फ़ोटो अंकित को दिखाते हुए पूछा

"तुम इसी के बारे में बात कर रहे हो ना...

अंकित :-"जी ..."

राव सर :-- "और तुमने कहा ..ये अभी अकेली है "?

अंकित :- "जी "

राव सर:- "तो ये भी बता दो.अंतिम बार कब मिले थे तुम इससे"

अंकित :- "कल सुबह "

राब सर :- (आंखे फैलाते हुए आश्चर्य से ..तेज़ आवाज में) क्या बकते हो .....इतना बेहूदा मजाक ...

राहुल :-- (आवेश में आकर कुर्सी से उठते हुए...अंकित से) "क्या बकवास किये जा रहा है ...(फिर राव सर से ) मैं आपको वही समझाने की कोशिश कर रहा हूँ अंकल.. कुछ गड़बड़ है इस लड़के के साथ "

अंकित :- (कुर्सी से उठकर ..असमंजस की स्थिति में )सर आप ऐसे क्यों ..मुझे कुछ समझ..राहुल :--"क्या पागलपन है ये.. अंकित...(चीखते हुए ) अनामिका.... को मरे हुए पां.....च .....महीने बीत गए हैं ..सुना ...पांच महीने ...

अंकित :--क्या ..? क्या बकते हो ...कल मिला हूँ मैं उससे ..और 

"बस्स ...बस्स ...बहुत हुआ ...अब एक शब्द भी नहीं " अपनी उँगली बिल्कुल अंकित की आंखों के पास ले जाते हुए राहुल बहुत गुस्से में बोला..फिर दूर जाकर खड़ा हो गया

अंकित मुँह खोले ...अचरज से कभी राव सर की ओर देखता तो कभी राहुल की ओर ,राव सर 'धम्म से कुर्सी पर बैठ गए...और टेबिल पर अपनी दोनों कोहनियां टिकाकर दोनों हाथ सिर पर रख कर बैठ गए ...वहीं राहुल ऊपर की ओर मुंह करके गहरी गहरी सांसे लेने लगा..कुछ पलों के लिए राव सर के केविन में सन्नाटा छाया रहा ...फिर खामोशी तोड़ते हुए राव सर ने बहुत धीमी आवाज में कहा

"अंकित ..अनामिका को इस दुनिया से गये पांच महीने का वक़्त हो चुका है ...तुमने कहा तुम उसे प्रेम करते हो ...हो सकता है ...उसे देखने का भर्म हुआ हो तुम्हे .....रही बात बंगले की ..तो हो सकता है ,तुम्हे हमारे खिलाफ किसी ने भड़काया है ..किसी का बुरा नहीं किया आज तक मैंने.. ये बंगला बाकायदा खरीदा है मैंने.माणिक चंद से .....अनामिका की आकस्मिक मौत हमारे लिए बहुत बडा सदमा था ...अगर वो जीवित होती तो ...आज राहुल की पत्नी के रूप में हमारी जिंदगी में होती ...उस बंगले को लेकर लोगों में डर है..कोई भी रहना नहीं चाहेगा वहाँ ...अनामिका को सम्मान देने के लिए ही हम वहाँ मॉल बना रहे हैं.......

अंकित पीछे की ओर चलता हुआ दीवार के सहारे टिक गया..और राव सर ने आगे कहा 

"....मुझे आज भी अफसोस है ..कि काश कन्हैया लाल ने अपनी परेशानी मुझे बताई होती ..तो शायद मैं उनकी मदद कर पाता ..उन्हें इतना बड़ा कदम नहीं उठाना पड़ता "

.(फिर रुककर ..अंकित के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए )

..फिलहाल तुम घर जाओ...आराम करो ...कल मिलते हैं."

"मैं उन्हें कभी माफ नहीं करूंगा आखिर....अनामिका का क्या दोष था " राहुल ने खीजते हुए टेबिल पर घूसा मारते हुए कहा ...तो राव सर ने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया

"झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है ...हद्द है "

अंकित बोला और केविन से निकल ऑफिस के बाहर आकर ...दीवार के सहारे लगकर बैठ गया ...गुस्से और दुख में उसके आंखों से आंसू निकलने लगे..कि सहानुभूति भरा स्पर्श उसने अपने कंधे पर महसूस किया ..देखा तो सूरज खड़ा था ...

"सूरज ...तुम ...पता है ..दौलत की चमक हर चमक से बड़ी होती है..इंसान कितना नीचे गिर सकता है ..कि एक जिंदा इंसान को मरा भी साबित करने में कोई कसर नहीं छोडता है"

"हुआ क्या ..मुझे बताओ .…साफ तो नहीं सुन पाया ..लेकिन इतना पता है तुम्हारी तेज़ बहस हो रही थी अंदर उन दोनों से"

"हम्म...वो राहुल ..मुझे लगा ..कि अनामिका पर उसकी नजर है ..लेकिन नहीं ..असली नजर उसके बंगले पर है ..मुझे कुछ समंझ नहीं आ रहा क्या करूँ"

"मैं तुम्हारी मदद करूँगा ..हर हाल में तुम्हारा साथ दूँगा.. मुझे ..पूरी बात तो बताओ ..मेरे दोस्त " 

"ठीक है ..तुम्हारे अलावा है ही कौन मेरा ...सूरज सुनो ...अपनी माँ को खो देने के गम से उबर नहीं पा रहा था ..... ..ना मेरे पास नौकरी थी ना पैसा ....और अभी लगभग दो महीने पहले...मेरे मकानमालिक ने भी मुझे घर से बाहर फेंक दिया था ..मैं अपने सामान के साथ बाहर बैठा था ..कुछ समंझ नहीं आ रहा था क्या करूँ कि तभी उसकी आवाज सुनी @@@@@ मुझे जॉब मिली@@राखी की मौत के बाद कुछ दिन गैप लगा ..नहीं तो मैं उससे हर रोज मिलता रहा हूँ@@@@@@@@@

@@@@@@@@ मार्केट में राहुल से मेरी @@@@@

@कल जब मैंने उसे अनामिका की तस्वीर @@@@@@@और आज "@@@@ 

...सूरज को अब तक की सारी बात बताकर एक गहरी सांस लेते हुए अंकित चुप हो गया ...

"हम्म ...(बहुत गंभीरता से सुन रहे सूरज ने अपने होंठो पर उँगली को मारते हुए कहा ) मसला आसान तो नहीं ...लेकिन हम भी तह तक जाएंगे ...जान भी दे दूंगा अगर देनी पड़ी ...लेकिन तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा "

जवाब में अंकित ने बस्स सिर हिलाया वो अभी भी शून्य में देख रहा था ...

सूरज :- कल जब तुम उनसे मिलने गए ..तो मिली नहीं ना ..भाभी जी "?

सूरज का यूँ अनामिका को 'भाभी 'बुलाना ...अंकित के चेहरे पर मुस्कान ले आया ...और भावविभोर हो उसने सूरज को गले लगा लिया ...

अंकित :-" नहीं... बहुत देर इंतज़ार भी किया ..लेकिन..शायद किसी काम से कहीं गयी होगी...इसकी तो कोई फिक्र नहीं" 

सूरज: - लेकिन अब फिक्र करनी पड़ेगी फ़ोन किया क्या तुमने "

अंकित :-"अर्रे हाँ.. फ़ोन तो किया ही नहीं ...कभी किया जो नहीं "

"क्यों भला " सूरज ने पूछा

"जरूरत नही पड़ी ..हर रोज़ मैं मिलता हूँ उससे .. सुबह जिम ...फिर ऑफिस और फिर शाम को उससे मिलना"

अंकित फोन लगता है लेकिन नहीं मिलता कई बार कोशिश के बाद भी फ़ोन नहीं लगता...

सूरज :-- क्या हुआ

अंकित :--"फ़ोन नहीं लग रहा ...मैं जा रहा हूँ उससे मिलने "

सूरज :- "चलो मैं भी साथ चलता हूँ..."

अंकित के स्वीकृति देते ही दोनों अनामिका के घर की ओर निकल पड़े ...जैसे ही सड़क से नीचे उतरे सूरज ने आश्चर्य से पूछा "यहाँ ..."?

"हाँ यहीं ...बोलते हुए अंकित आगे आगे चलने लगा और सूरज पीछे-पीछे।

नेक्स्ट पार्ट जल्दी ही ....


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