पांडेय की दादी मां का ख़्वाब
पांडेय की दादी मां का ख़्वाब
आज मेरी दादी मां की उम्र लगभग 95 साल है। जब मेरी दादी मां 10 साल की थी तभी उनकी शादी एक ऐसे व्यक्ति से कर दी गई जिसकी उम्र लगभग 60 के आस पास थी।
आज मेरी उम्र 20 साल है और मेरे दादा जी को मरे हुए करीब 30 साल हो गए। वो भी कितना खराब जमाना था जब बाल विवाह कर दिया जाता था।
उस समय के मुकाबले आज बहुत चीज बदला है
मगर आज कल जो अलग अलग जगहों पर जो हो रहा है वो बहुत ही शर्मनाक थे। मेरी दादी का एक सपना था कि को मेरे साथ हुआ वो हमारे बच्चो के साथ ना हो मगर उनका ये ख़्वाब अधूरा ही रह गया।
उनकी तरह ही उनकी लड़कियों की शादियां भी कम उम्र में ही कर दिया गया। आज जब वो अपनी कहानी सुनाती है और जब हम बैठ कर सुनते हैं तो बहुत ही खराब लगता है।
उनका एक सपना ये भी था कि जब हमारे बेटे बेटियां बड़ी हो जाए तो हम एक पक्के मकान में रहे मगर ये भी नहीं हुआ। मगर एक बात बता दूँ कि अब ऐसा नहीं है। आज जब से हम सभी भाई शहर को निकले हैं तब से अब हमारे पास आज एक पक्का मकान है। बाकी सभी सुख सुविधाएं है। उतना अच्छा नहीं है मगर उतना खराब भी नहीं है जैसा पहले था। आज जब भी मेरी दादी मां अपनी बीती हुई जींदगी की कहानियां सुनाती है आंखों में रोना आ जाता है।
मै तीन भाई हूं मगर सबसे ज्यादा कहानियां सुनने की आदत है। मै जब भी स्टोरी मिरर के ऊपर कुछ लिखता हूं वो मेरी जिंदगी से जुड़ी हुई ही होती है।
आज मै स्टोरी मिरर पर ये संकल्प ले रहा हूं कि को मेरे दादी मां के और मेरे परिवार के अधूरे सपने थे उसे पूरा करने के लिए पूरे जी जान से कोशिश कर रहा हूं और करता रहूंगा।