Kunda Shamkuwar

Abstract Drama

4.5  

Kunda Shamkuwar

Abstract Drama

नये रिश्तों का आग़ाज़

नये रिश्तों का आग़ाज़

2 mins
236


इस बार शादी के लिए गाँव जाना हुआ।वह मेरे कजिन ब्रदर के बेटे की शादी थी। मेरा कई सालों के बाद उस घर मे रहना हुआ। शादी की गहमागहमी हर ओर नज़र आ रही थी। सारे लोग कुछ न कुछ कामों की दौड़भाग में व्यस्त थे।बड़े शहरों में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को दे दो और बस आप सारे कामों से और उस टेंशन से मुक्त हो जाते हो। यहाँ थोड़ा मामला अलग था।

मैं कुतूहल से वह सब देख रही थी। वहाँ उस घर मे मेरे बचपन की कुछ खट्टी मीठी यादें बसी थी। बचपन मे हम आम तौर में वहाँ कम ही जाते थे। लेकिन जब जब हम वहाँ जाते थे तब तब उस घर की मालकिन ऐसी कोई बात कह देती थी कि वह बात मेरे बाल मन को कुछ अच्छा नही लगता था।लेकिन बच्चों का क्या? हम फिर भूल कर अगली बार के लिए उस घर मे जानेके लिए फिर तैयार रहते थे।

लेकिन आज मैं देख पा रही थी कि बचपन वाला वह घर अब कुछ बदल गया है। अब उस घर की मालकिन बदल गयी थी। सासु माँ मतलब मेरी चाची उस समय रिश्तों की उलझन में खोयी रहती थी। लेकिन वक़्त बदला अब सास के बाद वहाँ बहू थी जिसके लिए सारे रिश्तें नए थे। उसे उन पुराने रिश्तों का लिहाज़ जरूर था लेकिन उनमें वह बेवजह कभी उलझी नही।पति के कम पैमेंट में भी वह सब को मुस्कुराहट के साथ ही वेलकम किया करती थी।आज हल्दी के प्रोग्राम को देख कर मुझे लगा, की यह घर फिर एक नए बदलाव के लिए तैयार है।कल शादी है फिर एक बार नयी बहू का यहाँ इस घर मे आगमन होगा।जैसे यह आज की बहू कल नयी नयी आयी थी वह फिर कल सास बन जाएगी।मेरे मन मे न जाने कितनी सारी बातें घूम रही थी।ताई, चाय लो के आवाज के साथ ही मैं अपनी सोच से बाहर आ गयी।बहू उसी मुस्कान से चाय देते हुए कहने लगी किस ख़याल में गुम हो रही है आप? चाय लो...

मैंने कहा, "मैं इस घर मे बचपन से आ रही हुँ और मेरी बहूत सी यादें इस घर से बावस्ता है। कल से फिर यह घर बदलने वाला है। कल यहाँ नयी बहू आएगी।और मैं चाहती हुँ की जैसे आपने इस घर को अपनाया.... सब रिश्तों को उनकी उनकी जगह दी....नयी बहू भी ऐसा ही कुछ करे.... हर आनेवाले का मुस्कान से स्वागत करें.... और जैसे दूध में चीनी मिल जाती है ठीक वैसे ही वह इस नए घर मे घुलमिल जाए..."

हम सब हँसने लगे....और फिर शादी की तैयारियों में जोरशोर से लग गए...नयी बहू के स्वागत की तैयारियों में....चाय वाकई बेहद अच्छी बनी थी...सब कुछ सही था, दूध और मिठास भी.... 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract