राजकुमार कांदु

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राजकुमार कांदु

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नेतागिरी

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अपने हजारों समर्थकों के साथ वह स्थानीय नेता भगवान श्री गणेशजी की शरण में जा पहुँचा । कैमरे और उनकी फ़्लैश लाइटें चमकने लगीं । अपने चरणों में झुके नेता को देखकर भगवान विघ्नविनाशक स्मित हास्य के साथ बोले ," वत्स ! अपनी पार्टी के नेता की गिरफ्तारी से दुःखी होकर उसे छुड़ाने की आस लिए हुए तुम मेरे पास आए हो । उस नेता के लिए तुम्हारा प्रेम बहुत ही सराहनीय है ! " 

उनके चरणों में नतमस्तक वह नेता बोला ," क्षमा करें प्रभु ! आप तो अंतर्यामी हैं । अब आपसे क्या छिपाना ? बस इसी तरह अपनी कृपा बनाये रखना । मेरी राह के काँटे इसी तरह एक एक कर साफ करते रहना प्रभू ! "



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