मोदी अंकल
मोदी अंकल
पेपर में खबर पढ़ सोमेश और रीना आपस में हंसी मजाक कर रहे थे। ये देख दस वर्षीय राम ने पिता से माँ की खुशी की वजह पूछी तो सोमेश हंसते हुए बोले, "बेटा तुम्हारे मोदी अंकल ने नया कानून बनाया है।" पति शनिवार और रविवार को खाना बनाएंगे मतलब पापा अब मम्मी का काम करेगें और मम्मी आराम। बोल ठहाके लगाने लगा सोमेश। दस वर्षीय राम बोला पापा ये कानून क्या होता है ? सोमेश बोले "बेटा कानून मतलब जो भी देश की सरकार आदेश देगी उसे हमें मानना होता है।"
पिता की बात सुन मासूम राम कुछ सोचने लगा फिर गुड नाइट बोल अपने कमरे में चला गया।
सुबह स्कूल बस में चढ़ने से पहले पिता के हाथ में एक चिट्ठी देता बोला, "पापा ये चिट्ठी मोदी अंकल को भेज दिजीएगा।" प्लीज ! सोमेश कुछ पूछता उससे पहले बस चल पड़ी । घर आकर उत्सुकतावश चिट्ठी खोला तो उसमें लिखा था "मोदी अंकल आप कानून बनाने वाले अंकल है न " अंकल प्लीज एक कानून और बनाइये कि सप्ताह के तीन दिन मैं और सप्ताह के तीन दिन मेरे स्कूल के बाहर जूते पॉलिस करने वाला मोनू भी स्कूल जाये। वो पढ़ना चाहता है पर उसके पापा बोलते हैं, वो लोग गरीब है इसलिए वो स्कूल नहीं जा सकता।
अंकल, गरीब क्या होता है उसे भी नहीं पता पर मैंने पढ़ा है गरीब मतलब पैसे न होना होता है। अंकल आप एक नहीं दो कानून बनाओ, स्कूल की फीस कम कर दीजिए ताकि उसके जैसे गरीब बच्चे भी बड़े बड़े स्कूल जा सके। चिट्ठी में अपने छोटे से बच्चे के ऊचे विचारों को पढ़कर सोमेश की आखों में आंसू आ गये पर उन आंसुओं को पोंछ उसने मन ही मन कुछ निश्चय किया। दूसरे ही दिन राम को स्कूल बस में न चढा खुद ही स्कूल छोड़ने गया पीछे से मोनू को कंधे पर स्कूल बैग और स्कूल ड्रेस में आता देख राम खुशी से झूम उठा और पिता से लिपटता बोला " पापा क्या मोदी अंकल ने चिट्ठी पढकर इतनी जल्दी कानून बना दिया।"
तो सोमेश मुस्कुराते हुए बेटे के सर पर हाथ फेरते बोले "बेटा हर काम तुम्हारे मोदी अंकल ही करेंगे क्या।
