मेरी यात्रा 7
मेरी यात्रा 7
पूरा दिन रुणिचा में बिताने के बाद हम शाम तक जुंजाला भी पहुंच गए। वहां जाकर हमने सबसे पहले मंदिर में गये।
कहते हैं कि राामदेव जी के बाद यदि जुुंजाला गोोासाईं जी के दर्शन ना किििये जााये तो रामदेव जी के दर्शन भी अमान्य होते हैं।
हम सब गोसाईं जी के दर्शन किए और फिर मेेेेले में घूमे और कुछ सामान खरीदा फिर खाााना खाया।
वहां सोने की जगह नहीं मिल सकी तो हम बस की छत पर सो गए।
सुबह उठकर चााय पििकर हम नहाने के लिए तलाब पर गये तो पता चला कि उस तालाब का पानी वहां के लोग पिते है तो हम बिना नहाये वापिस आ गये और फिर वहां से हमारी बस चल पड़ी।