मेरे लेखक मन की कहानी
मेरे लेखक मन की कहानी
मन कहता है जो विचार करता है। जब हम उनको अपने शब्दों के अंदर ढालकर एक सुंदर रचना के रूप में प्रस्तुत करते हैं,
और यह चाहते हैं की वह रचना मेरे विचारों के रूप में लोगों तक पहुंचे।
और लोग उन विचारों को पढ़ें और अमल भी करें।
अगर उनको अच्छे लगे थे और उनमें से कुछ लोग भी उन विचारों को अमल करते हैं तो हमारे विचार सार्थक हो जाते हैं।
और मन खुशी से झूम उठता है।
मेरा मन हमेशा जो भी परेशानियां मुझको आई या जो भी अच्छी बात मुझे लगी उसको लिखने का शुरू से ही करता रहा।
और उसको मैंने अपनी कॉपी में हमेशा उतारा
मन हमेशा कहता था कि अगर मेरे विचार मैं लोगों तक पहुंचा सकूं तो कितना अच्छा।
और समय की बलिहारी की प्यारी बड़ी बिटिया के कारण प्रतिलिपि जी का हमारी जिंदगी में आगमन और उसके द्वारा मैंने अपनी लेखनी के द्वारा लिखे गए लेख डिजिटली लिखकर के आप सब तक पहुंचाएं।
और लोगों ने उसको पसंद भी करा।
मुझे और क्या चाहिए ।
उसके साथ में मेरा मन हमेशा ऐसा कहता था और मेरे जानने वालों की परिवार वालों की बच्चों की सब की इच्छा थी कि मैं मेरी कुकिंग स्किल मेरी पाककला को लोगों तक पहुंचा सकूं।
कॉपी तो मेरा जरिया की थी। मगर प्रतिलिपि का प्लेटफार्म और ब्लॉग्स बनाने का शौक ने मेरा यह काम भी पूरा कर दिया।
मुझे खुशी है कि मुझे आप सब लोगों का साथ मिला और मेरे मन की बात हुई
उसके साथ में बच्चों का परिवार वालों का साथ। और हौसला अफजाई हमेशा सही राय देना और पढ़ना उपलब्धियों पर खुश होना हमको और क्या चाहिए।
पैसा कमाने की इच्छा को मेरी शुरू से नहीं थी कि मैं लेखन से पैसा कमाऊ।
और मेरा लेखन हमेशा सत्य, आसपास की घटनाओं को कहानी , वैचारिक लेखन रूप,
कविता रूप दर्शाती हुई रचनाओं के साथ मुझे संतुष्टि देता है।
आज की तारीख में मेरे 76801 पाठक 11, 03 फॉलोअर्स प्रतिलिपि पर और एक लाख 1,25000 लोगों से ऊपर लोगों ने मेरे कलेक्शन को पढा है।
यह प्रतिलिपि पर मेरी उपलब्धि है उसके लिए मैं आप सब का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं।
इसी तरह स्टोरी मिरर पर भी मेरे इतने ही रीडर्स है और 15 फॉलोअर्स है ।
bloggers.com पर मेरे 168 इजी कुकिंग के,37 स्वरचित लेख
है और वहां भी देश विदेश के लोगों से पढ़ने वालों का प्रेम मिल रहा है।
मेरा मन तो यह कहता है कि अगर मेरे लिखे हुए लेखन को मेरे पाठक में से एक परसेंट लोग भी अपनी जिंदगी में उतारे तो मेरा लेखन सफल है। मैंने भी प्रतिलिपि पर और स्टोरी मिरर पर बहुत कुछ पढ़ा है सीखा है प्रतिलिपि पर तो मुझे बहुत सारे दोस्त मिल गई है और बहुत लोगों का प्यार मिला है बहुत अच्छा लगता है प्रतिलिपि टीम और स्टोरी मिरर टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद है जो समय-समय पर हमको गाइड भी करते रहते हैं।
लंबी और काल्पनिक कहानियां लिखने के लिए बहुत समय और बहुत स्ट्रेस चाहिए और बहुत कल्पना चाहिए जो लिखना मेरे लिए मुश्किल है इसीलिए मैं छोटी-छोटी कहानियां ही लिखती हूं उसी में मेरा मन खुश रहता है मेरे वैचारिक लेख मेरी जिंदगी का आईना है यह मेरे लेखक मन का सपना है । बस अभी एक किताब निकालने का सपना जो मेरा नहीं बच्चों का है को जरूर पूरा करूंगी।
68 साललंबी जिंदगी के अनुभव
से जो भी अच्छा लगा ,जहां भी तकलीफ हुई,
सभी कुछ जो मन में आया वही सब आप लोगों के साथ शब्दों की माला में पिरो कर बांटा है।