Bindiya rani Thakur

Abstract

3.5  

Bindiya rani Thakur

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मेरा सचिन

मेरा सचिन

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आज सच्चू का जन्मदिन है,मोहल्ले के सारे बच्चों को बुलाया है, पर ये सच्चू भी ना!सुबह से जाने कहाँ गायब है। कितनी बार कहा है , अकेले बाहर घूमने मत जाये लेकिन ये लड़का भी ना सुनता ही नहीं है,जब देखो खेलने के लिए निकल पड़ता है,आज आए तो अच्छी खबर लूँगी।माना कि बहुत प्यार करती हूँ लेकिन माँ की बात भी तो माननी चाहिए ना उसे! ये क्या क्रिकेट खेलने के पीछे भूख-प्यास सब भूल जाता है। अभी भी वहींगया होगा, क्रिकेट खेलने के लिए!

वैसे तो मेरा सच्चू बहुत प्यारा बच्चा है, घुंघराले बाल और चाँद सा मुखड़ा माँ तो देख-देख ही सदके जाती है। इसके बाबा ने बड़े प्यार से सचिन नाम रखा है और मैं प्यार से सच्चू बुलाती हूँ। मेरा लाडला बच्चा!

बस दिन-रात प्रार्थना करती हूँ कि बड़े होकर खूब नाम कमाए और बहुत सफल हो।भगवान मेरी दुआएं सुन ले बस।


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