मेरा मन क्या कहता है....
मेरा मन क्या कहता है....
मेरा मन कहता है यह दुनिया में कोरोना वायरस क्यों आया। 2020 सोचा था कि खुशियों से भरा होगा। नई कक्षा में जाएंगे अच्छा-अच्छा पढ़ेंगे। पर जो सोचा था वह तो हुआ ही नहीं। चलो ऊपर वाला जो करता है अच्छे के लिए ही करता है। इस साल नहीं आता तो अगले साल आता आना तो था ही कोई बात नहीं अब हमने भी टेक्नोलॉजी की आदत डाल ली है। पर अब मन में सवाल उत्पन्न हो रहा है कि स्कूल से अच्छा घर लग रहा है क्यों बताती हूं ऑनलाइन कंपटीशन ऑनलाइन क्विज ऑनलाइन क्लासेस पर यह तो अच्छा है, पर यह सब तो वही कर सकते हैं जिनके पास नेट की समस्या ना हो। मेरा मन लॉकडाउन के दौरान कहता है कि घर में पढ़ाई हो रही है पर हम शायद उतना समय नहीं निकाल पाते जैसे स्कूल में एक अध्यापक और अध्यापिका की बात का डर, दोस्तों की वह हलचल टीचर से बातें कर के कितना अच्छा लगता था। घर में परिवार के साथ वक्त बिताना भी अच्छा लग रहा है। हर दिन स्कूल में दूसरे शनिवार का इंतजार रहता था कि अब छुट्टी मिलेगी। आराम से उठेंगे टीवी देखेंगे मौज मस्ती करेंगे दोस्तों के साथ देर तक खेलेंगे लेकिन अब सोते हैं ना ही बाहर खेलने जा सकते हैं टीवी देखने का भी मन नहीं करता। अब याद आ रही है अध्यापकों के साथ बातें किया करते थे दोस्तों का खाना खाना अब याद बहुत आती है। कभी-कभी मेरा मन कहता है अगर भगवान यह साल ऐसा निकला तो फिर इस साल को पूरा करो प्रभु!