मेरा देश मेरी भक्ति अभिमान
मेरा देश मेरी भक्ति अभिमान
आज मैं बहुत उत्साहित थी। । मेरे बेटे पार्थ का आईआईटी का रिजल्ट आने वाला था । और खुश क्यों ना हूँ पार्थ बचपन एक होनहार बालक रहा । उसके लिए मैं अपने गांव को छोड़ शहर आई इसकी कोचिंग और पढ़ाई के लिए ।
पार्थ के लिए मैं निश्चित थी इसका नाम आईआईटी में जरूर आएगा । और हुआ भी वही पार्थ ने आईआईटी में सर्वप्रथम स्थान पाया ।मैं खुशी से फूली न समाई ।सब लोग मुझे बधाई देने लगे ।आज मेरी तपस्या पूर्ण हुई । सभी लोग मीडिया के पार्थ का इंटरव्यू लेने आए । आईआईटी के बाद आप भी दूसरे विद्यार्थियों की तरह अपना भविष्य विदेश में देखते हैं ।आईआईटी के इम्तहान में टॉप करने पर एक इंटरव्यू में पत्रकार ने पार्थ से सवाल किया ।
" सर मैं भारत के एक छोटे से गांव से आया हूं जहां लोग आज भी पढ़ाई से वंचित हैं । आईआईटी करने के बाद मैं यही भारत में नौकरी करूंगा । सैनिक बन कर देश की सेवा तो नहीं कर सका परंतु अतिरिक्त वक्त में मैं अपने गांव व अन्य बच्चों को शिक्षित करूंगा ।यही भारत के प्रति मेरी सच्ची देशभक्ति होगी ।उम्मीद करता हूं यही बच्चे आगे जाकर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भारत का नाम रोशन करेंगे ।"
पार्थ का इंटरव्यू सुन मैं फूली न समाई । देशभक्ति का यह लगाव देख मुझे आज अपने पर गर्व महसूस हुआ । पार्थ सच्चा देशभक्त है आज मुझे ज्ञात हुआ।
मैं भारत माता की कोख से जन्मी
इसीलिए गुणों और संस्कारों से भरी हूँ
मेरा मान मेरी जान मेरा गौरव भारत है
मेरा भारत देश महान है।।