Rohit Verma

Others romance drama

4.5  

Rohit Verma

Others romance drama

मौका या धोखा

मौका या धोखा

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परम जो दिल्ली के शहर का रहने वाला लडका था जो कोई भी कामकाज नही करता था वह एक साधारण परिवार का लडका था अपने घर की इकलौती संतान था एक दिन इतफ़ाक से एक लड़की का रिश्ता परम के घर आ जाता वह लड़की वाले काफी अमीर घर से थे ओर इतफाक़ से वह भी अपने परिवार की इकलौती लड़की थी लेकिन लड़की वालो ने एक शर्त रख दी उनको लडका घर जमाई ही चाहिए. लड़की वालो ने बोला - हम आपको मुंह माँगी कीमत देगे. लड़की वालो ने पचास करोड़ की रकम लडके वालो को दे दी. लड़की वालो के परिवार वाले एनआरआई थे वह भारतीय लडके की तलाश मे भारत आए थे कुछ दिनो बाद परम ओर नताशा की शादी हों जाती ओर उसके साथ विदेश चला जाता. बड़ा घर ओर इतनी अच्छी अच्छी सुविधा देख कर वह काफी घबरा जाता नताशा बोलती तुमको धीरे धीरे आदत पड़ जाएगी अब परम काफी बोर होने लगा उसने बोला - मेरे परिवार वालो को भी यही बुला लो. तो नताशा पासपोर्ट बनवा कर परम के परिवार वालो को वही बुला लेती. लंदन की दुनियां देख उसके परिवार वाले भी काफी घबरा जाते. नताशा बोलती -  मै अपने पापा से बोल कर तुम्हारे माता पिता के लिए नया घर दुलवा दुँगी. धीरे धीरे परम ओर उसके परिवार वाले लंदन के रहन सहन को सीख गए थे परम इतना पढ़ा लिखा नही था लेकिन घर बैठे बैठे पैसों की जरुरत उसकी पूरी हो जाती थी लेकिन परम की जिंदगी का एक बहुत बड़ा राज था जिसमे एक लड़की ने परम को बहुत बड़ा धोखा दिया था ये बात उसने नताशा को बताई वह ये सुनकर नताशा बहुत रोई ओर चीखी ओर चिलाई ओर बोली ये बात मुझको तुम पहले भी बता सकते थे. एक दिन परम ओर नताशा  लंदन के पब में जाते ओर परम को इतफाक से वही लड़की मिल जाती जिसने उसको धोखा दिया था वह पब के अंदर नाँच रही होती  ओर यह देख परम को बहुत गुस्सा आता परम को देख वह काफी रोने लगती वाशरूम के बहाने से वह जाता ओर कनक ( परम की एक्स प्रेमिका) उसको बताती मैने एक बहुत अमीर लडके से रिलेशनशिप रखी थी  लेकिन उसने मुझको धोखा दे कर इस पब में बेच दिया . परम बोला - तुम्हारी एक गलती की वजह से तुमको ही भुगतना पड़ा न ओर बनो गोल्ड डीगर. परम ने ये बात नताशा को बताई नताशा बोली - वह इसी के लायक है तुम छोड़ो.  तुम घर चलो . कुछ दिनो बाद कनक किसी तरह पुछँते पुछँते परम के घर तक पहुंँच जाती कनक उसको धक्के मार कर बाहर निकाल देती. ओर परम के घर के बाहर जोर जोर से रोने लगती ये देख नताशा बोलती - या तो इसको रख लो या मुझको. वह तलाक लेकर कनक के साथ चल देता सुशांत ने बोला - हम कहा रहेंगे कनक बोली - मैंने काम कर करके काफी अच्छा मकान ले रखा है ओर तुमको पैसों की बिल्कुल कमी नही होगी हम अपनी अलग दुनिया बसायेगे कुछ दिनो बाद नताशा का कॉल परम के फोन आता ओर बोलती - मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं प्लीज वापस आ जाओ. परम दोनो तरफ से फंँस चुका था करे तो क्या करें ? 

अब परम ने एक फैसला किया वह दोनो को अपने साथ रखेगा जिससे जिंदगी जीने मे कोई दिक्कत न हो. कॉट मे अपील करके परम ने दोनो से शादी कर ली ओर परम कुछ दिन नताशा के साथ बिताता ओर कुछ दिन कनक के साथ.

शिक्षा : दुख भी आता है तो वह किसी तरह सुख भी लाता है।



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