मैं और इरफान खान का सपना
मैं और इरफान खान का सपना
दरवाजे की घंटी बज रही थीं और मैं नींद में थी। मैने बड़ी मुश्किल से उठते हुए दरवाजा खोला तो सामने इरफान खान खड़े हुए थे। उन्हें इस तरह अपने सामने देख कर मेरी नींद पल भर में काफ़ूर हो गई। मैने उन्हें गले लगाते हुए कहा- “क्या भाईजान, इतने दिनों बाद?”
उन्होंने घर के अंदर आते हुए कहा- “तुमसे मिलने आये हैं बस। भई हमने सोचा कि हमारे जाने के बाद हमारी बिट्टो का क्या हाल है, कुछ सुधरी है या वहीं कचरे के बीच रहने वाली एक काली कलूटी लड़की है।”
“ओ हैलो, पहली बात तो मै काली कलूटी आप की ही बहन हूँ और आपने आने से पहले फोन भी नहीं किया?” मैने रसोई में घुसते हुए कहा। इस बीच मेरे कपड़ों पर पानी गिर गया। मैने देखा तो सामने मम्मी खड़ी थी जिन्होंने मेरे ऊपर बाल्टी से डाल कर मुझे जगाया था!