मै बहुत दूर
मै बहुत दूर
मैं एक अजनबी आपसे एक सीधी बात करना चाहती हूँ की अचानक कई बार आपको ऐसा क्यूँ लगने लगता है कि आप सबसे दूर होते जा रहे हैं,
या आपसे लोग दूर हो रहे हैं आपके आस पास तो बहुत लोग होते है लेकिन आपको कौन अपना करीब मानता है और आपका अपना कौन है यह मै आज तक नही समझ पाई। मुहँ पर सब अच्छी बातें करते है लेकिन जैसे ही पीछे जाते है उनकी सोच मे परिवर्तन आ जाता है।कही बार लोग आपको अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने लगते हैं और यह आपको बहुत बाद में पता चलता है।
जब आप उनके साथ बहुत दूर आ जाते है। चाहे वो दोस्त हूँ या करीबी लोग। धीरे धीरे आपको लगने लगता है की आपका कोई मोल न्ही रहा और फिर आपके मन मे आटा है की कोई ऐसी जगह हो जहाँ मैं सबसे दूर चली जाओ किसी ने सच ही कहा है की "तेरी दुनिया से होकर मजबूर चली मैं बहुत दर चली।