माता-पिता सही हैं
माता-पिता सही हैं
बेटी का नाम पति ने श्रृंखला रखा पर घर में सब उसे नूपुर ही पुकारते। वह हमेशा बोलती, क्या पापा आपने कैसा नाम रखा, "मैं दो नाम से भ्रमित हो जाती हूं।" हम समझाते "नाम में क्या रखा है" बेटी नाम से परिचय होता है पर "व्यक्ति जीवन में उसके कर्म, सदव्यवहारिक गुणों से ही पहचाना जाता है।"
कॉलेज में बीटेक के लिए दाख़िला हुआ, तब प्राचार्य के समक्ष हिंदी गाना संस्कृत में गाकर प्रदर्शन करते हुए अपना परिचय दिया। प्राचार्य ने प्रदर्शन से प्रभावित होकर दाख़िला एमटेक में किया, उसे एहसास हुआ "माता-पिता सही हैं।"