minni mishra

Tragedy

4.2  

minni mishra

Tragedy

मालदार समधी

मालदार समधी

2 mins
375



“प्रणाम मामाजी ”


“खुश रहो...भगिना, कहो..कैसे आना हुआ ?”


“मामाजी सुना है, आप अपने बेटे की शादी इसी लगन में कर रहे हैं । मुझ पर भी ध्यान दीजिए।” भगिना के आवाज़ और आँखों से विवशता स्पष्ट झलक रही थी।


“हाँ.....!तो..?”


“मैं एक रिश्ता लेकर आया हूँ । कन्या... बहुत सुंदर, स्नाकोत्तर पास , सुशील और मेरे बिरादरी की है। मैं उस परिवार को अच्छे से जानता हूँ ।उसका घर-द्वार बढ़िया है और घर के लोग भी बहुत भले हैं । ये देखिये ,फोटो भी साथ लाया हूँ |” भगिना तुरंत अपने पॉकेट से लड़की का फोटो निकाल मामाजी के आगे बढाते हुए कहा ।


“अरे ...फोटो को क्या देखना ? लड़की है ,अच्छी ही होगी ! मेरा बेटा बैंक P.O. बड़ा अफसर है..अफसर , समझे ?”


“हाँ मामाजी...तभी तो आया हूँ? ताकि भल पुरुष को भल नारी से विवाह हो जाय ।”


“ लेकिन , तुम अभी तक ‘नगद-नारायण’ के बारे में कुछ बताये ही नहीं ! तुमको पता है ना, आजकल P.O. लड़का का मार्किट भाव क्या चल रहा है ? मुझे गुणी बहू के साथ ‘मालदार समधी ’ भी चाहिए, हा.. हा.. हा... ।” कहते हुए मामाजी की बत्तीसी झक्क से दिख गयी ।


“ओह! मैं यहाँ रिश्ता तय करने आया था, सौदा नहीं !” मामा के हाथ से फोटो खींच भगिना वहाँ से चलते बना ।अब उसकी आँखों में विवशता नहीं, आक्रोश की ज्वाला भड़क रही थी ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy