कुत्ता ! कुतिया
कुत्ता ! कुतिया
बहुत साल गुजर गए मुलाकात हुए। पूरी तरह याद भी नहीं कब आखिरी मुलाकात हुए थी उससे, बस इतना याद है की जब एक अंग्रेज के दरवाजे पर ‘भारतीय और कुत्ते अंदर नहीं आ सकते’ लिखा देखा था उसी दिन आखिरी मुलाकात हुए थी। उस दिन वह शांत थी, बहुत शांत परन्तु मेरे अंदर तो जैसे आग लग गयी थी। आखिर एक अंग्रेज भारतीय लोगों को गाली दे रहा था, यह कैसे हो सकता था की आग न लगे। उसी दिन आखिरी बार मिले थे फिर मैं आजादी की लड़ाई में शामिल होने निकल गया और वोह शायद कहीं चद्दर ओढ़ कर सो गयी। शायद गाली मेरे जैसों को मिली थी उसे थोड़े ही जो वह उत्तेजित होती।
आज मिली विक्षिप्त हालत में, बाल जैसे नोच डालना चाहती थी। आखिरी बार जब मिले तब शांत थी अब आखिर क्या हो गया ? हो सकता है बहुत कुछ हो सकता है आखिर बहुत लम्बा अंतराल है दोनो मुलाकातों में। हमने एक दूसरे को देखा और बस मुस्कराने भर की औपचारिकता थी, जो निभा दी, और फिर अपने अपने रस्ते चलने को मुड़ गए।
अभी मुड़े ही थे की मेरे कानों में धीमी आवाज में महसूस हुआ जैसे की वह मुझे कुत्ता कह रही हो। मैंने पलट कर देखा तो वह मुझे घूर रही थी और यक़ीनन उसने मुझे कुत्ता कहा था। जवाब में मैंने उसे कह दिया की कुत्ता बहुत वफादार होता है। वह और भी भड़क उठी और अनाप शनाप गलियां देने लगी।
अब मैंने भी कुतिया कह कर सम्बोधित किया। वह शायद यही शब्द सुनने के लिए ही अनाप शनाप गालिया दे रही थी।
मेरा अनुमान ठीक ही था वह इसीलिए गालिया दे रही थी ताकि मैं उसे कुतिया कह कर बुलाऊँ। मैं उसके जाल में फस चूका था। थोड़ी देर बाद मुझे पुलिस थाने बुलाया गया और उसे गाली देने के लिए जेल में डाल दिया गया।
बाहर आने के बाद मैंने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई। उसने मुझे कुत्ता कह कर गाली दी थी। वह जैसे तैयार खड़ी थी जवाब देने के लिए, मुझे उसने मेरे ही शब्दों में बताया की कुत्ता गाली नहीं बल्कि वफादारी की अद्वित्य मिसाल है इसीलिए सम्मान सूचक शब्द है।
दरअसल आखिरी बार जब एक अंग्रेज के दरवाजे पर कुत्ता शब्द लिखा देखा था तब यह गाली ही थी। उसके बाद बहुत वक़्त गुजर गया मेरे पास व्यस्तता बहुत थी लिहाज़ा मैंने छोटी छोटी बातों को इग्नोर करना सिख लिया। जब मुझे कोई कुत्ता कहता था तब मैं कोशिश करता की लड़ाई झगडे में नहीं पड़ा जाये और मैं जवाब दे देता की कुत्ता तो वफादारी की मिसाल है। धीरे धीरे यही जुमला मशहूर हो गया और कुत्ता शब्द गाली होते हुए भी गाली नहीं रहा। अब हम कुत्ता शब्द का इस्तेमाल मित्रता में भी कर लेते है। प्रगाढ़ संबंधों में इस शब्दावली का इस्तेमाल बहुत है और यहाँ तक की छोटी मोटी बात में वक़्त जाया नहीं करने के लिए कई बार गाली को इग्नोर करने के लिए भी इसी तरह से कह देते है की कुत्ता वफादार प्राणी है।
वह तो अंग्रेज के दरवाजे पर कुत्ता लिखा देख कर सो गयी थी। उसने कुछ किया ही नहीं बस सोती रही। उसके पास करने को कुछ था ही नहीं लिहाज़ा कुतिया आज भी पहले की तरह आज भी गाली ही है। वह पहले भी खाली थी आज भी खाली है लिहाज़ा अब वह इस तरह अपना वक़्त पास करती है।
वह अक्सर हमसे सवाल करती है की कुत्ता वफादारी की मिसाल और कुत्तीया गाली क्यों है। मैं कहना चाहता हूँ की कुत्ता वफादारी की मिसाल बन गया हमारी कर्मठता के कारण और कुत्तिय गाली रह गया तुम्हारे निकम्मेपन के कारण ।
अक्सर चुप रह जाता हूं मुझे अभी बहुत कुछ करना है बहुत आगे जाना है और उसे ……