Sudershan kumar sharma

Inspirational

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Sudershan kumar sharma

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कर्म

कर्म

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"मिटाने से मिटते नहीं, 

यह भाग्य के लेख, 

कर्म अच्छे तू करता चल, 

फिर ईश्वर कि महिमा देख"


देखा जाए मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से ही बड़ा होता है, 

जैसे ही प्राणी जन्म लेता है वो कर्म परायण बन जाता है हम जो भी करते हैं हमारे कर्म बन जाते हैं मसलन खाना , पीना उठना बैठना बोलना इत्यादि कहने का भाव हम सभी कर्म अपनी पांच इन्द्रियों द्वारा ही करते हैं जिनमें आंखें, कान, नाक मुख व त्वचा इत्यादि आते हैं

तो आइये आज इसी बात पर चर्चा करते हैं कि कर्म का आधार क्या होना चाहिए? 

मेरा मानना है कि विचार ही कर्मों का आधार होना चाहिए, 

मनुष्य जैसा संकल्प करने लगता है वैसा ही आचरण करता है फिर वैसा ही बन जाता है, 

उसके मन में जैसे विचार बार बार आते हैं वैसी ही उसकी इच्छा हो जाती है और फिर उसी के अनुसार वार्ता, आचरण, कर्म और कर्म की गति होती है, 

इसलिए अच्छे आचरण व चरित्र के लिए अच्छे विचारों को लाना चाहिए व बुरे कर्मों को त्यागना चाहिए, 

जो बुरे विचारों को त्याग नहीं सकता वह कर्मों से छुटकारा पा नहीं सकता इसलिए कर्म का आधार विचार है, 

मनुष्य को चाहिए कि वो बुरे विचारों को अपने पास फटकने न दे

हम जो देखते हैं जो सुनते हैं जो खाते हैं कहने का भाव शरीर द्वारा हम जो भी कर्म करते हैं वो ही हमारे संस्कार बन जाते हैं और जैसे हमें संस्कार मिलते हैं वैसे ही हमारे कर्म बन जाते हैं, 

अन्त में यही कहूंगा अच्छे कर्मों के लिए अच्छे विचारों को लाना चाहिए, अच्छे शास्त्रों का अभ्यास अच्छे पुरुषों का संग कहने से अच्छे विचार बनते हैं और बुरे लोगों के संग से बुरे विचार बनते हैं व बुरे कर्म पनपने लगते हैं जिससे प्राणी का पतन हो जाता है दूसरी जगह अच्छे कर्म अच्छे आचरण रखने से व्यक्ति सम्राट धन धान्य का सहारा लेकर मनचाही वस्तु पा लेता है

इसलिए हर प्राणी को अच्छे कर्म ही करने चाहिए, 

कर्म एक क्रिया है चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक प्रत्येक क्रिया का परिणाम होता है और प्रकृति के अनुसार मानव को अपने सभी किए गए गलत कार्यों का भुगतान भुगतना पड़ता है

इसलिए अच्छे कर्मों के लिए अच्छे विचारों को लाना ही जरूरी है कहने का भाव विचार ही कर्मों का आधार है

जिससे हम अच्छे इंसान बन सकते हैं, 

सच कहा है, 

"इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नहीं, 

उपर वाला कर्म देखता है वसीयत नहीं। 



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