AMIT SAGAR

Action Children

4.7  

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क्रिश - (एक अनौखा सफर 2)

क्रिश - (एक अनौखा सफर 2)

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पिछले भाग में हमने पड़ा था कि क्रिश कुछ सनकी पागलो की कैद से चेरिटेबिल हाउस में फँसे लोगो को बचाता है, और उसके बाद  क्रिश कुछ पुरानी यादो की काली परछाइयो के बीच घिरा हुआ अपने अतीत के बारे में सोच रहा था। तो ऐंसा क्या हुआ था क्रिश के जीवन मे जो कि वो जानवरो से बद्त्तर जिन्दगी जी रहा है। तो आइए जानते हैं आगे की कहानी

काल मर चुका था, पर काल के जैंसे लाखों लोग अभी भी इस धरती मौजूद हैं, जो कि दुनिया में केवल बुराई फैलाने के लियें ही जन्म लेते है। जिस तरह अच्छाइ का एक छोटा सा अंश बुराई को जड़ से उखाड़ फैंकता है, उसी तरह बुराई का एक छोटा सा अंश भी अच्छाई को हिलाने की कुव्वत तो रखता ही है। काल की तरह दुनिया को अपना गुलाम बनाने का सप‌ना देखने वालो की कमि इस युग में नहीं थी। और उन्ही लाखो लोगो में से एक था वनराज, जो कि बचपन में जगलों मे रहता था पर बड़ा होकर शहर पढ़ने के लिये आ जाता है, सूरत शक्ल से अजीब दिखने के कारण उसे बनराज नाम मिला,  इसके नाम के साथ - साथ इसकी शख्सियत भी बहुत अजीब थी और उसका सपना तो उसके नाम और शख्सियत से भी बहुत ज्यादा अजीब था।

वनराज रोहित पर रिसर्च करता है, जो कि उसकी स्टडी का एक हिस्सा था। रिसर्च करने पर वनराज को रोहित के बारे में सबकुछ पता चल जाता है, कि कैंसे एक सीधा साधा मासूम लड़का एलियन के सम्पर्क में आकर, दुनिया का सबसे बुद्धिमान इन्सान बन जाता है। और उसका जीन पाकर क्रिश दुनिया का सबसे ताकतवर इन्सान बन जाता है। वनराज इस रिसर्च की और  ज्यादा तह तक जाता है, तो उसे सबकुछ पता चल जाता है। रोहित के पापा का अन्तरिक्ष में सिगनल भेजना, अन्तरिक्ष से सिगनल वापिस आना, रोहित के पापा का एक्सीडेन्ट होना, बड़े होकर फिर से अन्जाने में रोहित का अन्तरिक्ष में सिगनल भेजना, अबकी बार सिगनल के साथ जादू नाम के एलियन का धरती पर आना,जादू का  रोहित को शक्ति देना, क्रिश को महाशक्ति देना, जादु का अपनी दुनिया में वापिस चले जाना, रोहित का जीन पाकर काल जैंसे महाशक्ति शाली ईन्सान का उतपन्न होना।

काल, क्रिश, रोहित और उसके दादा की सच्चाई वनराज को चकित कर देती है, और तभी उसके दिमाग मे जन्म लेता है इस दुनिया को हिलाकर रख देना वाला आइडिया,और वनराज उसी भयानक आइडिये की प्लानिंग को पूरा करने में अपनी जी जान लगा देता है।

वनराज अकेला वो सबकुछ नहीं कर सकता था जो वो सोच रहा था, उसे जरुरत थी कुछ ऐंसे साथियों की, जो कि

वनराज की इस प्लानिंग में उसका साथ दें, और एक एक करके वो साथी वनराज को मिल ही जाते हैं। पहले नम्बर पर है हिक्की जो कि कम्प्यूटर को छूते ही उसके अन्दर के सारे राज बाहर निकाल लेता है। दूसरा है ताकतवर जिवरान जिसके पास बेशुमार ताकत है, और तीसरा है जयदत्त जो अपने जादू से किसी को भी भ्रम में डाल सकता हैं, और साथ ही वो अपने जादू से कोई भी सीन क्रिएट कर सकता है।

वनराज - हिक्की, जिवरान और जयदत्त को अपने साथ ले जाकर उन्हे अपना आइडिया सुनाता है और कहता है, कि तुम लोगो को अपने अपने काम में जो महारथ हासिल है वो तुम से बेहतर कोई ओर नहीं जान सकता है पर तुम लोग अपनी इस महारथ से क्या क्या हासिल कर सकते हो वो मुझसे बेहतर कोई ओर नहीं जानता। तुम लोग चन्द रुपयो और थोड़े से नाम के बदले अपनी जिन्दगी कैसे बरबाद कर सकते हो। मेरा साथ दो, मैं तुम्हे दुंगा अनन्त काल तक हर वो मजा, जिसे पाने की चाहत तो हर कोई रखता है, पर मरते दम तक दिन रात जानवरो की तरह मेहनत करके भी उस मजे का  एक अंश भी हासिल नहीं कर पाता है। आखिर कब तक तुम लोग यूँ अपनी अपनी अभिलाषाओ का गला घोटते रहोगे। मुझे तुम्हारी जरुरत है, तुम्हारे काम की जरुरत है, मेरे साथ अपने थोड़े ही दिनों के काम का फर्क तुम्हे कुछ ही दिनो में देखने को मिल जायेगा। मैं तुम्हे बना दुंगा एक ऐंसे युग का मालिक जिसमें हर गुलाम का धर्म, कर्म, फर्ज और मक्सद सिर्फ तुम्हारे हुक्म को पूरा करना होगा।

हिक्की- लगता है तुम कोई होलिवूड फिल्म देखकर आ रहे हो, क्योकि इतनी डरावनी स्पीच हिन्दी फिल्मो में तो होती नहीं है।

जिवरान - बिल्कुल सही कहा तुमने, अरे एक छोटे से शहर के अदनी सी सड़क का ट्राफिक पुलिस वाला बनने के काबिलियत भी नहीं हे हम लोगो में, और यह बात करता है दुनिया पर राज करने की, मुझे तो इसकी बात सुनकर हँसी के अलावा कुछ और नहीं आ रहा। 

जेदत्त ( वनराज से ) - पर मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ, लेकिन मैं‌ वो सब कुछ जानना चाहता हूँ जो तुम जानते हो, मुझे बताओ यह कैंसे सम्भव है।

वनराज- हमारी दुनिया एक ऐंसी दुनिया है, जहाँ तुम हर वो चीज पा सकते हो जिसकी तुमने कल्पना भी नहीं की होगी, बस शर्त है उसके लियें तुम्हे उतनी ही मेहनत भी करनी होगी। पर जो कल्पना मैंने की है उसके लियें सिर्फ हम चारो का एक होना ही काफी है। अगर हम चारो में से एक भी टुटेगा तो सबकुछ बिखर जायेगा।

हिक्की - ( जेदत्त से ) - यह सबकुछ जादू करने जैंसा आसान नहीं है कि पलक झपके ही तुमने फूल को कबुतर बना दिया।

वनराज - मै जानता हूँ यह सब जादू करने जैंसा आसान नहीं है। पर क्या तुम वो जानते हो जो मैं जानता हूँ।  

वनराज जेदत्त से - जेदत्त इस वक्त जो मेरे दिमाग में जो चल रहा है क्या वो सब तुम इन्हे दिखा सकते हो।

जेदत्त - कौशिस करता हूँ।

जेदत्त, जिवरान और हिक्की को वो सबकुछ दिखा देता है जो कि वनराज ने स्टडी किया था ।

वनराज - अब मुझे एहसास हो रहा है कि तुम सभी लोग मेरी बात से पू्री तरह सहमत हो, तो इसी के साथ अब वक्त आ गया है अपने सपनो को साकार करने का, क्या तुम सब लोग तैयार हो।

सभी लोग एक साथ हाँ कहते हैं, और निकल पड़ते है अपने बहशियाना सपने को साकार करने।

वनराज और जिवरान क्रिश के घर जाते हैं, जहाँ क्रिश, उसकी पत्नी प्रिया और उनका बच्चा रोजाना की तरह अपनी जिन्दगी को खुशमिजाजी के साथ जी रहें थे। क्रिश का बेटा दो साल का हो गया है, और इस वक्त वो अपने पिता के साथ खेल रहा है, जबकि क्रिश की पत्नी न्यूज देखने में व्यस्त थी। तभी न्यूज चैनल पर एक दहशत भरी खबर आती है, कि किसी सिरफिरे ने एक मॉल मे बम का धमाका कर दिया है, जिससे पूरा मॉल आग की लपटो से घिरा हुआ है, लोगो की चीखा पुकार मच रही है। न्यूज पर दिखाया जा रहा मन्जर इतना भयानक था कि प्रिया के भी होश उड़ जाते हैं, वो जोर से क्रिश को आवाज लगाती है, प्रिया की आवाज सुनकर क्रिश जैसे ही प्रिया के पास जाता है तो प्रिया टीवी की और इशारा करती है। न्यूज देखकर क्रिश का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है, और वो तुरन्त ही उस मॉल की तरफ रवाना हो जाता है जहाँ आग लग रही थी। उस मॉल तक पहुँचने से पहले ही क्रिश देखता है कि, कहीँ और भी आग की लपटे उठ रहीं है, क्रिश को महसूस हुआ कि यह आग तो मॉल ‌की आग से भी ज्यादा भयानक लग रही है। क्रिश को अपनी रफ्तार पर पूरा भरोसा था, इसलियें वो मॉल की आग को भूलकर पहले उस आग की तरफ पहुँचने की कोशिश करता है जो देखने से ऐंसा लग रहा था कि कहीँ पास मे ही आग लग रही हो,  पर क्रिश जितना उस आग की ओर आगे बढ़ रहा था, आग उससे उतनी ही दूर होती जा रही थी। दरअसल वो आग नही जेदत्त का जादू था जिसमे क्रिश फँस गया था। पर कुछ ही दैर मे क्रिश समझ जाता है कि यह किसी की चाल है । क्रिश को अपनी पत्नी और बच्चे की चिन्ता सताने लगती है, वो तुरन्त ही पलटता है और घर की तरफ बिजली से भी तेज रफ्तार से दौड़ पड़ता है।

उधर प्रिया अपने साथी न्यूज वालो को मॉल मे लगी आग का हाल चाल जानने के लिये फोन करती है, तो पता चलता है कि आग तो किसी भी मॉल में नहीं लगी है। प्रिया घबरा जाती है और वो भी समझ जाती है कि इसमे किसी की चाल है, वो तुरन्त ही क्रिश को फोन लगाती है पर क्रिश तो अपना फो‌न घर पर ही छोड़ आया था। प्रिया की घबराहट निरन्तर बड़ती जा रही थी, वो दौड़कर दरवाजा बन्द करने दरवाजे की तरफ जाती है, पर दरवाजे पर पहले से ही वनराज और जिबरान खड़े थे।

प्रिया (उन दोनो से ) - कौन हो तुम ?

वनराज - हम वो हैं जो इस वक्त तुम्हे मौत भी दे सकते हैं, और जिन्दगी भी, जो राज हम तुमसे जानना चाहते हैं अगर वो तुम हमे बता देती हो तो तुम्हे मिलेगी जिन्दगी अपनी, अपने बच्चे की और पति की,  बाकी तो भगवान के घर एक ना एक दिन सबको जाना ही है, मैं तुम सबको आज ही भेज दुंगा। अगर विस्वास नहीं है तो मेरी आँखो में अपने पति की हालत देख सकती हो वो अपनी मौत के लिये कैंसे तड़प रहा है।

प्रिया वनराज की आखो में देखती है तो  उसे वाकइ क्रिश तड़पता हुआ दिखाई देता है। पर यह देखकर प्रिया मुस्कुराती है, और गर्व से कहती है, हम तुम्हारे जादू से एक बार धोखा खा सकते है बार बार नहीं। जिसे तुम क्रिश कह रहे हो वो तुम्हारा एक फरैब है, और रही बात हमारी मौत और जिन्दगी की तो ना तो तुम मुझे भगवान लगते हो न ना ही शैतान जो हमारी जिन्दगी छीन लोगे। मुझे तो तुम एक जौकर लग रहे हो जो हमें हँसाने कि लिये आये हो।

जिबरान - लगता तुम अपने बच्चे और पति से ज्यादा प्यार नहीं करती हो, जरा अपने दाँई तरफ मुड़कर तो देखो।

प्रिया पीछे मुड़कर देखती है तो हिक्की और जेदत्त उसके बच्चे को फुटबॉल की तरह उछाल-उछाल कर एक दुसरे को पास कर रहे हैं, और अचानक ही हिक्की जोर से उस बच्चे को दिवार पर दे मारता है। यह नजारा देख प्रिया की चीख निकल जाती है। प्रिया की चीख सु‌नकर वनराज और जिबरान जोर से हँसने लगते हैं।

जिबरान - यह तो एक जादू है हकीकत तो तुम्हारी बाँई तरफ है, जरा देखो तो सही।

प्रिया घबराते हुऐ धीरे धीरे अपने बाँई तरफ निगाह घुमाकर देखती है तो पाती है कि उसका बच्चा अभी जिन्दा है और खेल रहा है, बच्चे को यूँ खेलता देख प्रिया की आँखो में आँशु आ जाते है, और वो वनराज से कहती है पूँछो क्या पूँछना चाहते हो।

वनराज जो कुछ भी उससे पूँछता है वो सुनकर प्रिया की आँखे फटी की फटी रह जाती है।

इतने में क्रिश भी अपने घर के पास पहुँच जाता है पर जैंसे ही वो दरवाजा खोलने के लिये हाथ बढ़ाता है एक जौर का धमाका होता है और क्रिश अपने घर से दूर जाकर गिरता है। धमाका इतना तेज था कि क्रिश की जगह कोई आम आदमी होता तो उसके केवल खून के सूखे हुए छीँटे ही दिखाई देते पर यह तो क्रिश है जो गिरकर फिर से खड़ा हो जाता है, औेर फिर से अपने घर की ओर धीरे धीरे आगे बढ़ता है। इतनेें पीछे से जिबरान, जेदत्त, हिक्की और वनराज गोलियों की बौछार कर देते हैं, इतनी गोलियाँ लगने के बाद क्रिश पेट के बल जमीन पर गिर जाता है और उसे कुछ भी साफ साफ दिखाई नहीं देता, बस धुँधला धुँधला दिखाई देता है। और इन्ही धुँधली धुँधली आँखोे से वो कुछ ऐंसा देखता है जो किसी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा, और फिर धीरे धीरे क्रिश की आँखे बन्द हो जाती हैं और बर्तमान में आकर खुलती है।

तो दोस्तो आखिर वो क्या राज था जो वनराज प्रिया से जानना चाहता था, जिसको सुनकर प्रिया की आखे फटी की फटी रह जाती है, और साथ ही क्रिश ने अपनी धुँधली आँखों से आखिर ऐसा क्या देख लिया जो किसी ने सपने में भी नही सोचा होगा यह हम जानेंगे अगले भाग में।


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