कोरोना?
कोरोना?
भारत मे कोरोना नाम कि बीमारी सच मे हैं या केवल अफवाहों में, मुझे नहीं पता क्यकी न तो मैं डॉक्टर हु न नेता। मेरे समझ से इन्ही दो को सच कि पता हैं हालांकि बीमारी के बारे मे जानकारी ज्यादा डॉक्टर को होनी चाहिए।
मैं तो आम इंसान हु मैंने जो सुना, मुझे जो बताया गया उसे मानकर कोरोना पर यकीन कर लिया, भारत मे हालात ही कुछ ऐसे बने हैं जो कोरोना पर यकीन करने और न करने दोनों पर मजबूर करती हैं।
एक तरफ बिहार जहाँ कोरोना केस बढ़ते जा रहे तो दूसरी तरफ बंगाल जहाँ रैली के भाड़ी भीड़ मे भी लोग सुरक्षित हैं, वहा कोरोना का कोई खतरा नही।।
जैसा की मैंने पहले कहा मैं आम इंसान हु मुझे भी उतना ही पता जितना कि आपको हैं।
लेकिन जो भी हो मैं, आप और हम सभी बीमारी से सुरक्षित और स्वस्थ रहे,
इसलिए जितना ज्यादा हो सके अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए कोरोना से बचाव नियमो का पालन करे।
गलत अफवाहों से बचे, जितना हो सके एक दूसरे कि सहायता करे, मानसिक कष्ट से बचने के लिए मोबाइल युग मे परिवार से जो दूरी बढ़ी है उसके करीब वापस लौटिये। उपन्यास, ग्रंथ या अपने मन पसंद कार्य कीजिये जिसे आप करना चाहते थे।
मैंने देखा हैं की लोग मृत शरीर (लास) के बारे मे कोरोना होने कि गलत अफवाह फैला उसे हाथ नहीं लगाते कृपया किसी के मृत शरीर का अपमान न करे, मृत शरीर को सच मे कोरोना होने कि पुष्टि डॉक्टर द्वारा कि जाए तब खुद के साथ सावधानी का इंतेज़ाम करते हुए उस लास का दाह संस्कार करे किंतु उसका अपमान न करे, कोरोना का बहाना बना अपना संस्कार न खोये जिससे की हमे मरने के बाद सम्मान के साथ विदा नसीब न हो।
जितना अभी शादी कि लगन है उतना ही ज्यादा गाँव गाँव, शहर शहर, कोरोना केस बढ़ने कि खबर हैं, तो आप किसी भी शुभ कार्य मे उपस्थित हो तो दिल से मस्ती करे किंतु खुद से खुद का ख्याल रखते हुए सावधानी का इंतज़ाम करके जाए।
ईश्वर आप सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखे।