Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

जिज्ञासा और प्रयोग

जिज्ञासा और प्रयोग

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कानपुर का प्रतिष्ठित कालेज ओमर वैश्य जुलाई अगस्त का महीना विदयालय में इंटरवल हुआ था बच्चो को लोको मोटिव इंजन से सम्बंधित अध्याय पढ़ाया गया था ।इंटरवल में विद्यालय के सामने कुछ दूरी पर लोकोमोटिव संटिंग इंजन खड़ा देखकर छात्रों के मन मे इंजन चला कर पढ़े गए विषय के प्रयोग की जिज्ञासा जागी ।

कुछ ही देर में कुछ विद्यार्थियों ने हिम्मत जुटाई कॉलेज परिसर से बाहर आये और रेल लाइन पर खड़े शंटिंग इंजन पर सवार हो गए इंजन के ड्रावर कुछ दूरी पर ही खड़े थे उनकी समझ मे कोई बात आये उससे पहले बच्चों ने इंजन को स्टार्ट कर दिया इंजन चलने लगा ।

 कानपुर सेंट्रल स्टेशन के स्टेशन मास्टर को कोई भनक थी सिग्नल भी नही था मगर इंजन चलता ही जा रहा था उधर इंजन के ड्राइवर ने स्टेशन मास्टर को छात्रों के हरकत की सूचना दी ।स्टेशन मास्टर की स्थिति सांप छछुंदर की हो गयी क्या करे ?क्या न करे ?

 उन्होंने कंट्रोलर को सूचना दी और इंजन के समानांतर चालक विशेषज्ञ दल द्वारा इंजन रोकने के निर्देश जोर जोर आवाज से छात्रों को दिया जा रहा था छात्रों को ना इंजन चलाना आता था ना ही बंद करना या ब्रेक लगाना छात्रों के इधर उधर करने से इंजन चलने लगा था ।

रुकने का नाम ही नही ले रहा था विशेषज्ञ चालक दल के बहुत प्रायास से इंजन रुका तब तक पूरे रेल मोहकमे में हड़कम्प मच चुकी थी छात्रों को हिरासत में ले लिया गया और प्राचार्य अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।

कालेज प्राचार्य केदार नाथ बाजपेयी ने तुरंत ही प्रदेश के राज्यपाल महोदय से बात कर बच्चों के कृत्य पर खेद व्यक्त करते हुए बच्चों को माफ करने की अपील की राज्यपाल महोदय ने छात्रों को हिदायत के साथ माफ कर दिया ।


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