Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Thriller

3.5  

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Thriller

“ जालंधर केंट टू अमृतसर ” ( यात्रा संस्मरण )

“ जालंधर केंट टू अमृतसर ” ( यात्रा संस्मरण )

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कलकत्ता कमांड अस्पताल से मेरी पोस्टिंग मिलिटरी अस्पताल जालंधर केंट हो गयी। मैरीड एकोमॉडेशन के उपलब्धता के कारण मुझे अपने अस्पताल से तकरीबन 1.5 किलोमीटर दूरी पर सलोनिका लाइन काम्प्लेक्स में एकोमॉडेशन मिल गया। अस्पताल आना -जाना और ड्यूटी करना इसके लिए मैंने जालंधर सिटी से एक बजाज चेतक मोडेल 1997 नया स्कूटर दादा मोटर्स से खरीदा। थोड़ा बहुत कुछ चलाना जानता था। अब और हाथ साफ करने का मौका मिल रहा था। जो देखते वे बधाई और शुभकामना देते थे। एक दो मित्रों ने कहा ----

“अरे भाई, कहीं लॉंग ड्राइव पर जाओ तब तुम्हारा कॉन्फीडेस बढ़ेगा।”

मेरी भी लालसा जगने लगी कि मुझे कहीं लॉंग ड्राइव पर निकालना चाहिए।

12. जून 1997 रात 11 बजे Operation Theatre से कॉल आया। Acute Appendicitis केस था। एक घंटा में Laparotomy Operation हो गया। Operation Theatre के बाहर टॉइलेट में लघु शंका करने गया। गर्मी बहुत थी। मैंने हवा के लिए खिड़की खोल दी। खिड़की के खुलने के बाद ही दो तत्यया या यूं कहें पीली बिरनी उड़कर मुझे मेरे ओठ को डंक मार गए। अब मत पूछिए मेरा हाल। जलन और दर्द से मैं कराह उठा। Operation Theatre में soframycine था उसे तात्कालिक लगा लिया। फिर भी मुझे राहत ना मिली। मुंह में सूजन आने लगा।

ग्राउन्ड फ्लोर में Medical Inspection Room था। आज रात भर के लिए मेजर डॉक्टर बी 0 देवनाथ ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर थे। अभी -अभी OT में उन्होंने एनेस्थेसीआ दिया। वह ग्रैडेड एनेस्थेसीओलोजिस्ट थे। उनके पास मैं पहुँच गया।

उन्होंने पूछा ,--

“ झा साहिब। क्या हो गया ? “

मैंने सब कुछ बताया। उन्होंने मुझे MI Room में डिटैन कर दिया। मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।

उन्होंने तुरंत इन्जेक्शन Avil 1 amp मेरे बाँह में लगा दिया और दूसरा इन्जेक्शन Sodabicarb 1 amp मेरे Vein में धीरे -धीरे डाल दिया। मेजर देवनाथ ने कहा --

“ देखिए झा साहिब। एक दो घंटे आपको डिटैन रखना पड़ेगा उसके बाद आप घर जा सकते हैं। “

ठीक 4 बजे सुबह मेजर देवनाथ ने मुझे देखा और मेरे Prescription में Tab Avil लिखा और दो दिनों का Bed Rest दे दिया। अंबुलेंस गाड़ी से मैं अपने Quarter आ गया।

13 और 14 तारीख मेरा पूर्ण अवकाश हो गया। इसी सुअवसर का सदुपयोग मैं करना चाह रहा था। आभा को एम 0 ए 0 इंग्लिश लेकर जालंधर पंजाब के किसी कॉलेज में प्रवेश लेना था। इसकी अनुमति गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के कुलपति से लेना था। अमृतसर, जालंधर केंट से तकरीबन 87.5 km दूर है। आभा के सारे पेपर को ले लिया और अपने फौजी पोशाक में अलंकृत होकर निकल पड़े लॉंग ड्राइव में।

मुझे यह भलीभाँति पता था कि मुझे दो इन्जेक्शन लगाए गए हैं। इस इन्जेक्शन से नींद भी आ सकती है। पर मुझे इसका कोई असर ही नहीं दिख रहा था। इसलिए चल दिया लॉंग ड्राइव पर।

GT Road का सफर जालंधर सिटी से प्रारंभ हो गया। सफर का आनंद लेता रहा। एक दो जगहों पर रुक कर मैंने चाय भी पी। नया चेतक स्कूटर बहुत अच्छी चल रही थी। सड़क के किनारे आम के पेड़ लगे थे। उसमें कच्चे -कच्चे आम देखने को मिल रहे थे।

पर ना जाने क्या हुआ ? अमृतसर से 10 km पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया। मुझे होश नहीं। कहते हैं सड़क के किनारे दुकान वालों ने मुझे बीच सड़क से उठाया। खाट पर लिटाया। पानी के छींटे मेरे मुँह पर मारे फिर होश आया। दुकानदार ने मुझसे पूछा ,--

“ अब आप कैसे हैं ? “

मेरी आँखों में नींद आ रही थी। मैं अपने को सुस्त अनुभव कर रहा था। मैं कुछ भूला -भूला सा लग रहा था।

मैंने जवाब दिया,--

“ ठीक हूँ।........मैंने शराब नहीं पी रखी है।“

“ नहीं नहीं ,वो तो आप स्कूटर चलाते -चलाते सो गए थे। रब दी मेहरबानी आप चंगे हो।“

मैंने फिर पूछा , “ अमृतसर यूनिवर्सिटी यहाँ से कितनी दूर है ?”  

‘ अरे साहिब ,आप समझो पहुँच ही गए हो। यहाँ से 10 km”

नींद का एहसास हो रहा था। यूनिवर्सिटी के काम को समाप्त किया। फिर अमृतसर से जालंधर केंट के लिए चल पड़ा। शाम 5 बजे जालंधर सिटी पहुँचा और पहले दादा मोटर्स जालंधर में अपना स्कूटर रिपेयर कराया। फिर अपने घर 7 बजे शाम को पहुँचा ...............................!



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