इंतजार
इंतजार
इंतज़ार इंतज़ार इंतज़ार …!!!
आज कल बहोत ही कॉमन सा हो गया है ये शब्द कोई भी हो, कभी भी हमें है कह देता हैं इंतज़ार करो सही वक्त का सब अच्छा हो जाएगा, इंतज़ार करो हम जल्द मिलेंगे, इंतज़ार करो थोड़ी देर बाद कॉल करता हूं, इंतज़ार करो तुम्हारा अच्छा वक़्त आयेगा, इंतज़ार करो ये बुरे लम्हें बीत जायेंगे, सही वक़्त आने का इंतज़ार करना ही सही हैं ?
क्या हरवक्त इंतज़ार करना जरूरी हैं, क्या हम जिस पल में जी रहे हैं उसको सही नहीं बना सकते ?
क्यो हम अच्छे वक़्त का इंतज़ार करते है हमारे पास जो जिंदगी बची है उसके सारे पल बहेतरीन है बस हमें
उसे सकारात्मक मान के दिल से जीने की जरूरत हैं, किसी को इंतज़ार क्यों करवाये जो रिश्ते पक्के ओर सच्चे हो तो 24 घण्टे में से कुछ पल निकाल के तुरंत उन्हें वक़्त दे क्योंकि रिश्तो से बढ़ कर कुछ
नहीं हैं, क्यो हम छोटी छोटी चीज़ो को टाल देते है unproductive समझके जो हमारी जिंदगी की महत्व की चीज़ होती है जैसे कि बच्चों के साथ खेलना, बड़ो के साथ वक़्त बिताना ये दो जनरेशन हि तो हैं जो जिंदगी के बेहतरीन पाठ पढ़ाते हैं एक ज़िन्दगी के सारे गम भूल के मौज से जिंदगी जीना सीखा ता है तो दूसरा, सारी परेशानियों को कैसे सुल्जाते सुल्जाते सबके साथ रह कर सब का हौसला बन कर जीना सिखाता हैं, यही तो हैं जिंदगी की परिभासा जहाँ इंतज़ार करने से कुछ नहीं मिलता बिना दर्द के, हर परिस्तिथिति से लड़ने में समझदारी है …
सही वक्त का इंतज़ार कभी जिंदगीभर का इंतज़ार बन जाता हैं, अधूरी इच्छा बन जाती हैं।
जब अहसास होता हैं तब अफ़सोस के सिवा कुछ नहीं मिलता, यही रीत हैं इस जिंदगी की वक़्त रहते
कुछ ना करा जब जाना जिंदगी को नज़दीक से तब जिंदगी ना रही, जिंदगी मिली तो जिसका इंतज़ार था वो जिंदगी भर का इंतज़ार करवाने के लिए छोड़ गया ….
इंतज़ार 1 साल का हो तो अच्छा है, इंतज़ार 1 महीने का हो तो बहोत अच्छा है, इंतज़ार 1 दिन का है तो बेहतरीन हैं, इंतज़ार 1 घण्टे का हो तो बेमिसाल है इंतज़ार एक पल का हो तो जिंदगी गुलज़ार है।
इंतज़ार का सफ़र जितना कम हो इतना अच्छा लेकिन मंज़िल लाज़वाब हो, तो इंतज़ार का मज़ा भी कुछ और हैं ऒर उससे मिलने की राह की मुश्किलें तो उसके सामने कुछ भी नहीं हैं।