इंतजार

इंतजार

1 min
281


"बस कर चाँदनी ! तू जिसके इंतज़ार में आँखे बिछाये बैठी है.. नहीं आएगा वो।

भूल गई है तू शायद की कहाँ तुम बदनाम गलियों की रौनक और कहां वो शरीफों के शहर से, उसने वादा किया की तुझे यहां से निकालेगा और तू सपने देखने लगी। अरे हम जैसों को कोई घर की इज्जत नहीं बनाता।"

पर चाँदनी की नज़र फिर भी झरोखे से नज़र आती गली से ना हटी, उसे यक़ीन था नज़रे धोखा खा सकती है पर दिल नहीं।कुछ रिश्ते अनकहे अनजाने होते हैं सब को नाम मिल जाए जरूरी नहीं, सब को अंजाम मिल जाए सम्भव नहीं, पर उन रिश्तों की दिल में अहम जगह होती है चाँदनी इस यकीन में इंतज़ार में है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama