Rashmi Sinha

Abstract Inspirational

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Rashmi Sinha

Abstract Inspirational

हर लड़की में शक्ति है

हर लड़की में शक्ति है

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शैलजा, पूजा, समीक्षा और आश्विन ये चारों सहेलियां इस बार नवरात्र में भरपूर उत्साह‌ और भक्ति के साथ उपवास कर देवी मां की पूजा-अर्चना की !" देवी मां के स्वागत और पूजा में इंसानों के साथ प्रकृति भी उत्साहित होतीं हैं ‌ !" धरती ने भी स्वागत में हरियाली बिछाकर, रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू फैलाई !" सूरज ने अपनी तपिश नियंत्रण कर कोमल धूप धरती पर भेजकर वातावरण को खुबसूरत बना दिया !" सभी तरफ भक्तिमय वातावरण में मन प्रफुल्लित हो गया !" छोटे बड़े सभी लोग हर्षोल्लास के साथ नवरात्र के उत्सव में शामिल हैं !" शाम होते ही शहर, गांव रंग-बिरंगे लाईट से जगमगा उठा, लाउडस्पीकर के भजन से मन उल्लासित और उर्जावान हो गया !" सभी तरफ गरबा नृत्य की धूम मची हुई है !" आज शाम को षष्ठी तिथि की पूजा कर चारों सहेलियां गरबा के लिए गए ‌ !" अष्टमी को नौकन्या की पूजा कर नवमी तिथि को देवी मां का आशीर्वाद लें उपवास तोड़े !" चारों सहेलियां अपने भविष्य संवारने पढ़ाई लिखाई में व्यस्त हो गए !" एक दो दिन के बाद की ‌घटना है !" स्कूल की छुट्टी के बाद ‌सभी लड़कियां स्कूल से बाहर निकली !" कुछ लड़के झुंड में खड़े होकर अश्लील हरकतें और बातें करते हुए छींटा कसी कर लड़कियों को परेशान करने लगे !" परेशानी तो सभी लड़कियों को हो रही थी परन्तु वे लोग उपेक्षा कर बातें करते हुए जा रही थी !" समीक्षा, शैलजा आश्विन और भी लड़ियां स्कूल से बाहर निकली तभी पूजा दौड़ते हुए आई और बोली !"मुझे बीच में घुसना है !" !"

समीक्षा ने नाराज हो कर कहा कि !"डरपोक लड़की, घुस बीच में, हमेशा ऐसे ही करती है !" ॓

शैलजा ने कहा कि !"क्यो पूजा तूने देवी मां की आराधना की है न !" काली मां के समान रक्षसों को मार !" देख कैसे मैं सबक सिखाती हूं !"

कहते हुए उसने अपनी जूती उतारी और जूूती को हाथ में पकड़ कर उन लड़कों की ओर दौड़ी !" उसके साथ सभी लड़कियां मारो, मारो कहते हुए उन लड़कों की‌ ओर दौड़ पड़े !" लड़के भी इस अप्रत्याशित घटना से घबराकर कर भागने लगे !" लड़कियां भागने नहीं दीं और सभी को रोक कर मारने लगीं !" हल्ला सुुुन शिक्षक और प्रिंंसिपल बाहर आकर लड़कों को छूडाया फिर  प्रिंसिपल आफिस में ले आईं !" फोन करके उन सबके माता पिता को बुलाया और उनके बेटों की करतूतों को बताते हुए कहा कि !"आप लोग ये क्या परवरिश कर रहे हैं !" आपके लड़के कहां है क्या कर रहे हैं !" आप लोगों को कोई मतलब नहीं है !" आप जैसे लोगों के गलती की सजा सभ्य समाज और मासुम निर्दोष लड़कियां भुगत जाती है !"प्रिंसिपल मेडम की बातें सुनकर लड़के और उनके माता पिता नज़र झुकाए खड़े रहे !" प्रिंसिपल ने कहा कि !"हमने कई बार इन लोगों को समझाया था !" यहां पर खड़े होने से मना किया !" इनकी नजर में बड़ों की कोई इज्जत नहीं है !" अच्छी बातें पसंद नहीं है !" ॓॓

लड़कों की ओर देेखते हुए कहा !"तुम सबकी ‌उम्र 20 वर्ष से कम होगी, ये समय पढ़ने लिखने और रोजगार के गुण सीखने की है !" भविष्य संवारने की जगह, जीवन को यूं ‌ही बर्बाद क्यो कर रहे हो ॽ बहुत दुुुख होता है तुम लोगों को देख कर !" इसके बहुत जिम्मेदार माता पिता है , अपने बच्चों के प्रति ‌जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं !" आप लोगों को कोई मतलब नहीं कि आपके लड़के अपना समय कहां और कैसे बिताते हैं !" इनके हरकतों से  ़लड़कियों का जीवन जीना दुश्वार हो गया है बिचारी डर के साए में जी रही है और ‌आप लोग अपने लड़को को सड़क पर छोड़ कर निश्चिंत हो गए !"

उस स्कूल की शिक्षिका ने कहा कि !"लड़कियों को क्या समझा है ॽ माटी की मूूूरत, खिलौना !" अब लड़कियां देवी मां की पूजा करने के साथ उनकी ताकत को , उनकी हर रूप को आत्मसात कर रही है !"अभी उनमेें मां काली की रूप का दर्शन किया है न !" ॓

प्रिंसिपल मेडम ने अपनी शिक्षिका के बातों का समर्थन किया और कहा कि !"सही कहा आपने, लड़कों अपनी आदत सुधार लो !" लड़कियां अपने मन से डर निकल कर हिम्मत से परिस्थिति का डटकर सामना कर रही है !" सही राह पर नहीं चले तो बहुत ‌बडी परेशानी में पड़ सकते हो !"

लड़कों और उनके माता-पिता ने माफी मांगी !" तब शिक्षिका ने कहा कि !"ईश्वर की सच्ची पूजा यही है कि हम अपने बच्चों को सही संस्कार दें !"उन लोगों ने अपनी गलती मानी और सही राह चलने का वादा किया !"  प्रिसिपल ने लड़कों को उनके माता पिता को सौंप दिया !"

दूसरे दिन प्रिंसिपल मैडम ने अपने स्कूल की सभी  लड़कियों से कहा कि !"मैं तुम सबसे कुछ बातें कह रहीं हूँ, विश्वास है कि समझोगी और बात मानोगी !" अपनी सुरक्षा के लिए मिर्च पाउडर या हल्दी पाउडर हर समय ‌निश्चित रखोगे !" मन से डर निकाल कर , सूझ बू़झ, हिम्मत से काम लेना है !" तैयार हो न मेरी बेटियों !"शैलजा तुुंरत सामने आ कर कहीं कि !"बहनों मैं तुु सब की ओर से समर्थन किया है !"शैलजा के साथ और भी लड़कियां सामने आई और कहा कि !"देवी मां की सही आराधना है कि गलत चीजें ‌नही सहना है !"!पूजा के आंखों के सामने उस लड़के के घूूरते हुए आंखें और ‌डरावनी मुस्कान संजीव हो‌ते आंसु आ गए !" सहेलियों के  पूछने पर उसने कहा कि !"जब घूूूूरती हूूई आंखें पीछा करती है न !" तब ऐसा लगता है कि कोई गला दबा रहा है, पूरी तरह सेदम घुटता है और सांंस रूक जाती है !" बता ऐसे में मैं हिम्मत कैसे करूं !" इसलिए मैं कहीं नहीं जाती !"शैलजा उसका आंसु पोंछ कर कहा कि !"देेख, डर

हम सब को लगता है !" पर ऐसे कब तक चलेगा !" अब हमारे स्कूल के आस-पास कोई भी आवारा लड़के नहीं  दिखेंंगे !"

सभी लड़कियां हंसने लगी !" अब वे सब अपने साथमिर्च पाउडर और हिम्मत लेकर  निकलती !" एक दिन चारों कहीं जा रहें थे तभी पूजा  को वो लड़का घूूरते हुए खड़ा था !" पूजा ने अपनी सहेलियों को बताया, वे सब  उसके सामने से गुजरते हुए पूूजा ने उस लड़के के मूंह पर मिर्च पाउडर डालकर निकल गई !" पलट कर जब उसने देखा कि वो परेशान हैं, उस समय पूूजा के साथ उसकी सहेलियों को भी बहुत खुशी और शांति मिली !" पूजा ने अपनी आंंसु पोछ मुस्करा कर देखा !" घर पहुंच कर गाने चारों गाने लगी !"

मुझमें है शक्ति, शक्ति में है जिंदगी,      

शक्ति में है जीत, जीत में है हिम्मत,

हिम्मत में है खुशी, खुशी में है पंख,

पंख में है आसमां छूने की ताकत !"

  


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