(2)हम कौन सा बुढ़ा गइलीं
(2)हम कौन सा बुढ़ा गइलीं
":जबसे रमुआ और विमला के बेटे लाखन का बियाह हुआ है, तबसे लगता है रमुआ में नई जवानी आ गई है !"
पंडिताइन बोली तो मिश्राइन भी कुढ़ते हुए बोल बैठिन... कि...
" उहे तो हम देखत हैंई दीदी! बेटवा को काम पै लगाके ऊ ससुर रमुआ अपनी बुढांग लुगाई विमलिया में अइसन डूब गइले कि दिन दुनियां कै कौनो खबर नइखे !"
औ... का....!
फिर सब हँसने लगती।
इधर रमुआ कहता,
" हम कौनो बुढ़ा गइली का? सारी जिनगी मन मार कै रहली.. अब मौज़ करबै!"
सच.... रोमांस का मज़ा तो इसी उमीर में तो आवत है!"
दोनों का रोमांस देखकर जी सिहाता है।
~आराध्या ~