हिज़ाब में चेहरा
हिज़ाब में चेहरा
"मेरी बेटी कॉलेज भी जाएगी और पर्दा भी नहीं करेगी!" रेहाना जी ने अपने विरोध के स्वर को और ऊँचा करते हुए कहा ।उनकी बात से शबनम आपा तैश में आकर बोली, "मतलब आप हमारे घर की सारी बातों को ताक पर रख देना चाहती हो। अब सबा कॉलेज जाएगी यह तो ठीक है पर ये क्या बात है कि आप अपनी बेटी से पर्दा नहीं कराएंगी!" "आपा! मैं इस परदे का ऐसा बुरा खामियाजा भर चुकी हूँ कि अब मैं तो चाहूँगी कि कोई भी लड़की पर्दा ना करें। और आप मुझसे क्या पूछ रही हैं, अपने भाई से पूछ लीजिए ना। अगर उस दिन मैंने पर्दा नहीं किया होता तो आज मैं एक ज़बरदस्ती के रिश्ते में नहीं बँधी होती!" अबके रेहाना की आवाज़ में नाराज़गी साफ झलक रही थी। अनवर जी एक कोने में सर झुकाए बैठे थे। इससे पहले कि रेहाना उस रात की कोई और बात बाहर निकालती उन्होंने उनका मुँह बंद करने के लिए सबा को बिना परदे के कॉलेज जाने की अनुमति दे दी।