हिंदी
हिंदी
मैं हिंदी हूं, हाँ मैं हिंदी हूँ
हिंदुस्तान की पहचान हूँ
बढाती इसकी शान हूँ
मैं ही वीणा की साज हूँ
भारत माता की ताज हूँ
बच्चों की किलकारी में मैं हूँ
सखियों की ठिठोली में मैं हूँ
वेदों की सार में मैं हूँ
संस्कृति की विरासत
सभ्यता की पहचान हूँ
अभिव्यक्ति का सरल जरिया हूँ मै
दिलों के मतभेद को तोड़ती
बार-बार हूँ
हां, मैं हिंदी हूँ
सब भाषाओं की जननी हूँ
इसलिए तो करती सबसे
बहुत प्यार हूँ
गर्व कर लो तुम सब मुझ पर
सिर्फ भाषा नही मैं तो
हर दिल में बसनेवाली
तुम्हारी अपनी माँ हूँ।