मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Tragedy

4.5  

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Tragedy

हैंडपंप का पानी

हैंडपंप का पानी

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"कलमुंही.... नीच जाति ! तुझे कितनी बार मना किया है कि हमारे हैडपम्प पर पानी लेने मत आया कर ।"


घिनेरी को इस तरह के ताने रोज सुन - सुन कर सुनने की आदत सी पड़ गई थी । और फिर ऊंची जाति के हैडपंप से पानी भरने के सिवाय उसके पास कोई दूसरा चारा भी तो नहीं था ।


पिछले वर्ष ऊंच जात के विधायक जी उसके घर वोट मांगने आये थे, तब सभी ऊंच जात पड़ोसियों के सामने ही उसने पानी की समस्या के बारे में विधायक जी को बताया था । विधायक जी कह कर गये थे कि, जब तक तुम्हारे लिए एक नया हैंडपंप नहीं लगता तब तक तुम वेझिझक अपने पड़ोसियों के हैंडपंप से पानी भर सकती हो वैसे वो हैंडपंप हमारी विधायकी की ही देन है और सरकारी भी, इसीलिए तुम्हारा भी उस पर समान अधिकार है ।


बेचारी घिनेरी को विधायक जी का दिया झूठा आश्वासन अभी भी जस का तस याद है । पिछले सप्ताह उसने अपने पति राम सहारे को पानी की समस्या लेकर विधायक जी की कोठी पर भेजा था । उसे विधायक जी के चपरासी ने दुत्कार कर भगा दिया ।

 

घिनेरी ऊंच जात हैंडपंप के पानी के साथ रोज अपमान के घूंट भी पीती है...।



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