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Preeti Srivastava

Children Stories Fantasy

4  

Preeti Srivastava

Children Stories Fantasy

गुलाब

गुलाब

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एक छोटे से गांव में एक परिवार रहता था वह बहुत ही गरीब था पूरा दिन वह परिवार साथ मिलकर मेहनत करता और जो रोजी-रोटी मिलती बस सेवा परिवार अपना जीवन यापन करता। उस परिवार में सिर्फ दो लोग थे और उनका कुत्ता उनके साथ रहता था। कुत्ता भी अपने मालिक के संग मेहनत करता था। जैसे सामान को अपने ऊपर लाद कर ले कर जाना और उनके सामान की रखवाली करना तथा खेत में दूसरे जानवरों को ना आने देना। कुत्ते का नाम होती था। मोती बहुत ही सीधा और होशियार कुत्ता था।

एक दिन वह गरीब परिवार रोज की तरह अपने काम में लगा हुआ था। तभी अचानक उन्होंने देखा की 1 बच्चों के रोने की आवाज आ रही है। उन्होंने इधर उधर देखा पर उन्हें बच्चा दिखाई नहीं दिया तो वह अपने काम में फिर से लग गए। पर अभी भी बच्चे के रोने की आवाज है आ रही थी। तो उन्होंने अपना काम छोड़कर बच्चे को ढूंढना शुरू किया। तो उन्होंने देखा एक टोकरी में सुंदर सी टोकरी में मखमल के कपड़े से लिपटा हुआ था। उसने सुंदर आभूषण धारण कर रखे थे जैसे कि मोतियों की माला हाथों में कड़े पैरों में पायल इत्यादि। गाने देखा बहुत ही सुंदर थी एक कन्या थी। उनके कोई संतान ना होने के कारण उन्होंने उस कन्या को देखते ही उसका लालन-पालन करने की सोची।। उन्होंने इधर उधर देखा तूने कोई दिखाई नहीं दिया। दोनों ने बच्चे को अपनी गोद में लिया। और से घर लेकर आ गई।

कन्या इतनी सुंदर की कि जैसे कोई गुलाब का फूल उसके गाल लाल लाल टमाटर की तरह हॉट गुलाबी रंग के रंग गोरा इस गरीब परिवार ने कन्या का नाम गुलाब रख दिया। गुलाब धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। और वह भी बस गरीब परिवार के संग उनके साथ उनके कामकाज आने लगे। जब हा काम करती तो उसके माथे पर जो बूंदी तो वह मोती के समान चमकती गुलाब साधारण कन्यानहीं थी। वह जो काम करके तो वहां के सभी जानवर उसके पास उपस्थित हो जाते और उसके काम में उसकी सहायता करते उसको किसी ने कोई काम नहीं सिखाया था परवाह काम इतना काम करने में रफ्तार के साथ अपने सारे काम खत्म कर देती। वह चित्रकारी नहीं बहुत अच्छी थी। वह खाली समय में सुंदर सुंदर से चित्र बनाती।

वह जैसे-जैसे बड़ी हो रही थी उसका रूप जैसे खिलता जा रहा था। एक दिन अचानक एक विमान आया और उसने में से एक सुंदर स्त्री बाहर आई जिसके चमकीले पंख थे और वह भी गुलाब की तरह बहुत ही सुंदर थी। गुलाब ने उन्हें प्रणाम किया और पूछा

"हे स्त्री !आप कौन हैं? मैं आपको नहीं जानती" ,उस स्त्री ने कहा !"बेटा पर मैं तुम्हें जानती हूं, और मैं तुम्हें बचपन से देख रही हूं।" गुलाब ने कहा "मैं नहीं जानती आप को, आप कौन हैं?"

स्त्री ने कहा "बेटा ,मैं तुम्हारी मां हूं ।" गुलाब ने कहा "नहीं, मेरी मां तो काम पर गई हैं और उन्हीं को ही मैं बचपन से अपनी मां बोलती हूं।"

" बेटा तुम परियों की राजकुमारी हो और हमारे दुश्मन हमारे पीछे थे जो कि तुम्हें जान से मारना चाहते थे। मैंने ही तुम्हें उनके खेत के पास छुपा दिया था। मैंने तुम्हें एक मोतियों की माला भी कहना रखी थी और पैरों में पायल हाथों में सोने के कड़े थे और तुम गुलाबी रंग के कपड़े में लिपटी हुई थी।" यह सब कुछ गरीब किसान सुन लेता है। और वह कहता है "यह सच है पुत्री गुलाब यही आपकी मां है।"

गुलाब "नहीं पिताजी मेरे मां पिता आप लोग हैं।"

" यह स्त्री सच बोल रही है ।गुलाब बेटा आप एक गुलाबी वस्त्र में लिपटे हुए थे ।आपके हाथों में सोने के कड़े थे ।पैरों में पायल थी ,और गली में एक सुंदर मोती की माला थी।" अपने पिता की बात सुन लेती है और अपनी मां के साथ चली जाती है कुछ दिन बाद वापस आ जाती है। और अपने मां पिताजी से कहती है ,"मां पिताजी अब मैं यही आपके पास रहूंगी। मैं एक परी की बेटी हूं। लेकिन मैं आपकी परी बनकर रहना चाहती हूं।"


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