गजब तमाशा
गजब तमाशा
गजब तमाशा हो रहा है । कमल वाले लोग गहरे सदमे में हैं । उनके स्टार प्रचारक को दो साल की जेल हो गई है । अगर उनका स्टार प्रचारक दो साल के लिए जेल चला जायेगा तो वे आगामी विधान सभा और लोकसभा के आम चुनाव किसके भरोसे लड़ेंगे ? ये स्टार प्रचारक ही तो है जिसने सन 2014 में "कमल" को दिल्ली में महकने का सुअवसर दिया और सन 2019 में उसकी महक में और बढ़ोतरी कर दी ।
कमल वाले लोगों ने एक आपात कालीन बैठक बुलाई और एक निंदा प्रस्ताव पास किया कि सूरत की जिस अदालत ने यह सजा सुनाई है वह उसके क्षेत्राधिकार से बाहर आती है जिसे किसी भी सूरत में माना नहीं जा सकता है । जिस युवा नेता , तपस्वी, खानदानी चिराग और संपूर्ण ब्रह्मांड के ज्ञाता को एक अदनी सी अदालत ने 2 वर्ष जैसी भयंकर और कठोर सजा सुनाई है वह उसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आती ही नहीं है । दरअसल इस "मां के लाल" का कद इतना बड़ा है कि इसका केस सुप्रीम कोर्ट से नीचे की अदालत में चल ही नहीं सकता है । अत: एक अदनी सी अदालत इस खानदानी चिराग को जेल में जलते रहने के लिए छोड़ नहीं सकती है । जिसके उजाले से संपूर्ण ब्रह्मांड प्रकाशित हो रहा हो , उसे एक जेल में जलने के लिए कैसे छोड़ा जा सकता है
कमल वाली पार्टी में मुर्दनी छा गई । इस खानदानी चिराग की बदौलत वह सन 2024 की चुनावी गंगा पार करने की सोच रहे थे , अब उसका क्या होगा ? राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, कर्नाटक जैसे बड़े बड़े राज्यों में कमल कैसे खिलेगा ? पार्टी अध्यक्ष ने तुरंत जानकारी ली कि वो कौन है जिसने इस "महान दार्शनिक" पर मानहानि का केस किया है ? पता चला कि कोई "मोदी" नामधारी व्यक्ति है जिसने युवराज को सत्ता से दूर करने का काम किया है । "मोदी" नाम सुनकर अध्यक्ष जी सकपका गये । अध्यक्ष जी की इतनी औकात कहां जो मोदी नाम धारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई कर सकें ?
अध्यक्ष रूपी मिसाइल के फुस्स होने पर "चाणक्य" ने मोर्चा संभाला । कहने लगे "ये वाला मोदी कोई छुटभैया है , ये वो मोदी नहीं है इसलिए इस छुटभैये मोदी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है । आखिर इसने पार्टी को इतना नुकसान पहुंचाया है जिसकी क्षतिपूर्ति संभव ही नहीं है । अत : इस छुटभैये मोदी द्वारा दायर मानहानि केस पार्टी विरोधी गतिविधि माना जायेगा जिसके कारण उनके स्टार प्रचारक को दो वर्ष की सजा सुनाई गई है । ऐसी पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए छुटभैये मोदी को तुरंत प्रभाव से पार्टी से बर्खास्त किया जाता है । साथ में लोकसभा अध्यक्ष को निर्देश दिये जाते हैं कि उनके स्टार प्रचारक की लोकसभा की सदस्यता किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं की जाये ।
इसके अतिरिक्त खानदानी पार्टी के साथ मिलकर संसद से वही अध्यादेश पारित करवाया जाये जिसे खानदानी चिराग ने भरी सभा में फाड़कर कचरा पात्र में फेंक दिया था । सरकार खुद एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाये और मांग करे कि ट्रायल कोर्ट के इस अवैधानिक निर्णय पर तुरंत रोक लगायी जाये " ।
उधर खानदानी दल में मिश्रित माहौल देखने को मिल रहा है । एक वर्ग बड़ा खुश नजर आ रहा है और कह रहा है कि उस जज को "परमवीर चक्र" प्रदान किया जाना चाहिए जिसने इतना दुस्साहसी कृत्य किया है । ऐसा कृत्य करने की हिम्मत तो सुप्रीम कोर्ट भी नहीं कर सकता है और एक अदने से मजिस्ट्रेट ने यह दुष्कर कृत्य कर दिया । अब जितनी जल्दी हो सके इस "खानदानी" को जेल की सलाखों में डाल दिया जाना चाहिए जिससे जनता में "विक्टिम कार्ड" खेलकर अगला चुनाव जीता जा सके । जब तक ऐसा कोई पनौती बाहर रहेगा, खानदानी दल का उद्धार, पुनरुद्धार, सुधार कुछ नहीं हो सकेगा । इस सजा के निर्णय से पार्टी की संभावनाऐं बढ़ गई हैं । अब कम से कम टिकट मांगने वाले तो मिल जायेंगे वरना उनके भी लाले पड़े हुए थे।
खानदानी दल का एक धड़ा नौ नौ आंसू बहा रहा है । इतने आंसू तो इन चमचों ने अपने मां बाप के मरने पर भी नहीं बहाये थे जितने अब बहा रहे हैं । सुना है कि देश की सभी नदियों में इन आंसुओं से बाढ़ आ गई है और सभी राज्यों में चेतावनी जारी कर दी गई है । चमचों को हिदायत दी जा रही है कि अब और आंसू बहाने पर उनका टिकिट काट दिया जायेगा तब जाकर चमचों ने आंसू बहाना बंद किया ।
चमचों का कहना है कि उनसे भी ज्यादा आंसू तो लिबरल, सेकुलर्स, बुद्दूजीवी, खैराती, भूतपूर्व नौकरशाह, भूतपूर्व जज, कलाकार, बॉलीवुडिये और न जाने कौन कौन बहा रहे हैं । इतना ही नहीं कमल वाले भी जमकर आंसू बहा रहे हैं , अब उनको कैसे रोका जाये ? सुना है कि "जादूगर" को भेजा गया है चाणक्य के पास कि वो अपने कार्यक्रताओं को एक "एडवाइजरी" जारी करें कि उन्हें इस अवसर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?
पिंकी के गालों पर लाली आ गई बताई । सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि अब उसे अगले चुनावों में प्रधान मंत्री पद का चेहरा बनाया जायेगा । इस समाचार के बाद पिंकी ने एक यज्ञ करवाया बताया जिसमें भगवान से प्रार्थना की गई बताई कि अब "उसे" स्थाई रूप से जेल में रखा जाये जिससे एक लड़की को लड़ने का अवसर तो प्राप्त हो ? वरना बेचारी कब से नदी के किनारे किनारे बैठकर ताकती रहती ?
खैराती मीडिया "कोमा" में चला गया बताया और गोदी मीडिया "नवसंवत्सर" का कार्यक्रम फिर से मनाने लग गया बताया । अवार्ड वापसी गैंग अपने अपने बिलों में घुस गई बताई । और हां, बाकी विपक्षी दलों में भी सन्नाटा व्याप्त हो गया बताया । जब तक "अद्भुत प्राणी" था तब तक इनकी भी पौ बारह थी मगर अब पता नहीं क्या होगा ? देखते हैं कि प्रभु क्या लीला दिखाते हैं अभी !
श्री हरि