anuradha nazeer

Inspirational

5.0  

anuradha nazeer

Inspirational

गहरा अवसाद

गहरा अवसाद

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एक ५० वर्षीय सज्जन गहरे अवसाद से पीड़ित थे और उनकी पत्नी ने एक काउंसलर के साथ अपॉइंटमेंट लिया जो एक ज्योतिषी भी थे। पत्नी ने कहा:- "वह गंभीर अवसाद में है, कृपया उसका राशिफल भी देखें।" ज्योतिषी ने कुंडली देखी और सब कुछ सही पाया। अब उसकी काउंसलिंग शुरू हुई है। उसने कुछ निजी बातें पूछीं और सज्जन की पत्नी को बाहर बैठने को कहा। सज्जन बोले...मैं बहुत ज्यादा चिंतित हूं... वास्तव में मैं चिंताओं से अभिभूत हूँ... नौकरी का दबाव... बच्चों की पढ़ाई और नौकरी का तनाव... होम लोन, कार लोन... मुझे कुछ भी पसंद नहीं है... दुनिया मुझे तोप समझती है... लेकिन मेरे पास इतना सामान नहीं है जितना एक कारतूस का..मैं उदास हूं.. यह कह कर उसने काउंसलर के सामने अपने पूरे जीवन की किताब खोल दी। तब विद्वान काउंसलर ने कुछ सोचा और पूछा, "आपने दसवीं कक्षा किस स्कूल में पढ़ी है?" सज्जन ने उसे स्कूल का नाम बताया। काउंसलर ने कहा:- "आपको उस स्कूल में जाना होगा। अपने स्कूल से आप अपने 'दसवीं कक्षा' के रजिस्टर का पता लगाएं और अपने साथियों के नाम देखें और उनके वर्तमान स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करें। सारी जानकारी एक डायरी में लिख लो और एक महीने बाद मुझसे मिलो।" सज्जन अपने स्कूल गए, रजिस्टर ढूंढ़ने में कामयाब रहे और उसकी नकल करवा दी। इसमें 120 नाम थे। उसने पूरे एक महीने में दिन-रात कोशिश की, लेकिन 75-80 सहपाठियों के बारे में जानकारी बमुश्किल ही जुटा पाया। आश्चर्य!!!इनमें से 20 की मौत हो गई... 7 विधवा/विधुर थीं और 13 तलाकशुदा थीं... 10 ऐसे निकले नशेड़ी जो बात करने लायक भी नहीं थे... 5 इतने गरीब निकले कि कोई उनका जवाब न दे सका.. 6 इतने अमीर निकले कि उन्हें यकीन ही नहीं हुआ... कोई कैंसरग्रस्त, कोई लकवाग्रस्त, मधुमेह, दमा या हृदय रोगी..दुर्घटनाओं में हाथ/पैर या रीढ़ की हड्डी में चोट के साथ कुछ लोग बिस्तर पर थे... कुछ के बच्चे निकले पागल, आवारा या निकम्मे... एक जेल में था... एक शख्स दो तलाक के बाद तीसरी शादी की तलाश में था... एक महीने के अंदर दसवीं का रजिस्टर खुद बयां कर रहा था किस्मत का दर्द... काउंसलर ने पूछा :- "अब बताओ तुम्हारा डिप्रेशन कैसा है?" सज्जन समझ गए कि *'उसे कोई रोग नहीं था, वह भूखा नहीं था, उसका दिमाग एकदम सही था, उसे अदालत/पुलिस\वकीलों ने पाला नहीं था, उसकी पत्नी और बच्चे बहुत अच्छे और स्वस्थ थे। वह भी स्वस्थ थे...**उस सज्जन ने महसूस किया कि वास्तव में दुनिया में बहुत दुख है, और वह बहुत खुश और भाग्यशाली था।* दूसरो की थाली में झाँकने की आदत छोड़ो, अपनी थाली का खाना प्यार से लो. *दूसरों से तुलना न करें। सबकी अपनी नियति है।* *अगर हो सके तो दूसरों की मदद हम वही कर सकते हैं जो हमारे पास है.....* *हम में से प्रत्येक की अपनी एक यात्रा होती है*.....


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