आज भी याद है मुझे हमारी पहली मुलाक़ात। आज भी याद है मुझे हमारी पहली मुलाक़ात।
पता नहीं क्यों रौशनी का धनवंती जी को गले से लगाना मुझे नागवार गुज़र रहा था। पता नहीं क्यों रौशनी का धनवंती जी को गले से लगाना मुझे नागवार गुज़र रहा था।
इस तरह एक काला साया पड़ोस के कॉलोनी का लड़का निकला। इस तरह एक काला साया पड़ोस के कॉलोनी का लड़का निकला।
अचानक मिली तारीफ से मैं भाव विभोरित हो गया। अचानक मिली तारीफ से मैं भाव विभोरित हो गया।
इकलौते बेटे को घर से बाहर जाते खामोशी से देखते हुए सोचने लगे, आख़िर....कहाँ चूक हुई ? इकलौते बेटे को घर से बाहर जाते खामोशी से देखते हुए सोचने लगे, आख़िर....कहाँ चूक ...
जिस तरह का बीज हम बोएगे वही पेड़ के रूप में फल के रूप में हमें प्राप्त होंगे । जिस तरह का बीज हम बोएगे वही पेड़ के रूप में फल के रूप में हमें प्राप्त होंगे ।