एलियन एक पर ग्रह जीव
एलियन एक पर ग्रह जीव
एलियन ,परग्रही जीवन या पार्थिवेतर जीवन वह सम्भावित जीवन है जो पृथ्वी से अलग किसी अन्य पिण्ड पर विद्यमान हो और जिसकी उत्पत्ति भी पृथ्वी से न हुई हो। यह परिकल्पित जीव सरल अकेन्द्रिक हो सकते हैं या मानवों से कहीं अधिक विकसित व शक्तिशाली सभ्यता वाले जीव भी हो सकते हैं। एलियन वास्तव में होते हैं या नहीं यह भी कोई नहीं जानता मगर कल्पनिक उड़ान भरते हुए एलियन को केंद्र में रखते हुए बहुत सारी पिक्चर्स ऑल स्टोरीज बनी है। यह सब पढ़ते-पढ़ते नंदू को नींद आ गई। और नींद में उसने सपना देखा की अवकाश से एक ही यान उतरा है ,और बहुत जोर जोर से आवाज आ रही है। वह भाग कर के बाहर गया उसने देखा अरे यह तो स्पेस शिप है। उसमें से कुछ अजीब ही तरह के लोग उतर रहे हैं ।थोड़ी देर वह आपस में बहुत मस्ती करते हुए ,वापस एक जोर से आवाज हुई और अपने यान में चढ़ गए । मगर पीछे उनका एक छोटा एलियन रह गया। यह देख कर नंदू जोर जोर से चिल्लाने लगा यह रह गया ,यह रह गया , और एकदम पसीने पसीने हो गया ,
दौड़कर उस एलियन को पकड़ने गया की धम से बिस्तर से नीचे गिर गया।और जोर-जोर से फिर भी चिल्ला रहा था यह रह गया यह रह गया और रो रहा था नींद में। एकदम उसकी मम्मी दौड़कर आई , बोली क्या हुआ उसको जगाने लगी । वह एक दम से जागा और पागल कि जैसे इधर-उधर देखने लगा, बोलता है "वह एलियन रह गया ,वह कहां गया।और मैं बिस्तर से नीचे कैसे आ गया।"
तब उसकी मम्मी ने कहा ,"तूने कोई सपना देखा लगता है।और सपने में ही तू नीचे गिर गया था। बता तूने क्या देखा?" तब नंदू बोलता है "मैं एलियन को उसके स्पेसशिप पर वापस भेजने के लिए चिल्ला रहा था, दौड़ रहा था। और वह आगे आगे ऊंचा ऊंचा उड़े जा रहा था।" फिर बोलता है "शायद मैं रात को यह पढ़ रहा था इसीलिए दिमाग में यह बात रह गई।"
उसकी मां बोलती है "इसी कारण तुमको उसी का सपना आ गया। तुमने वह पिक्चर भी देखी थी ना एलियन वाली, इसीलिए तुमको यह सपना आया है। यह कल्पना लोक है जो कल्पना में होता है वही सपने में आ जाता है। चलो उठो तैयार हो स्कूल जाना है। नाश्ता करो दूध पियो।"
और वह भागकर तैयार होने चला गया और उसको खुशी हुई कि यह सपना ही था वह एलियन अपने लोगों से नहीं बिछुड़ा।
स्वरचित कहानी