एक प्यारी मुलाकात
एक प्यारी मुलाकात
मुलाकातें तो होती ही रहती है। हमें पता भी नहीं लगता हमारी जिंदगी सोती रहती है। दिन मुझे याद नहीं रहा। परंतु वह याद यादें रह गई। मैं एक गाय से मिली जो कि काफी खूबसूरत थी बात खूबसूरती की नहीं है बात है उसकी खूबियों की प्रभु की भी क्या लीला है। एक जानवर को आप प्यार से रोटी का टुकड़ा भी दे दोगे तो भी वह आपको जन्मो जन्म तक याद रखता है। पर एक इंसान क्यों ऐसा बनाया जो रोटी खाकर पल में ही भूल जाता है। उस दिन बाहर खड़ी थी मैं यूं टक टक पैरों की आवाज आई मैंने अपनी नजर पीछे घूम आए तो दिखा एक गाय आई। पहली रोटी गाय की हो यह नियम तो हर घर में है। बस रोटी पड़ी थी मैं दौड़ कर गई और लाकर उसे खिला दी। अगले दिन फिर वह आई मुझे अंदाजा नहीं था कि दुबारा आएगी पर जब वह आई तो दिल खुश हो गया अब तब से लेकर आज तक हर वक्त सुबह बस उसी का इंतजार रहता है। कि कब वह आएगी और रोटी खा कर जाएगी।