हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

एक अनोखी प्रेम कहानी : भाग 12

एक अनोखी प्रेम कहानी : भाग 12

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सपना की हालत बड़ी खराब थी । वह शिव से बेइन्तहा प्यार करती थी । शिव उसके खयालों में हरदम रहता था । उसके बिना वह एक मिनट भी नहीं गुजार सकती थी । पर पता नहीं तब क्या हुआ कि वह एकदम से तैश में आ गई ? शिव ने मजाक में ही तो कहा था कि उसके दस ब्वॉय फ्रेंड हो सकते हैं । उसने भी तो शिव के लिये कहा था कि मम्मी इनसे पूछो कि इनकी कितनी गर्लफ्रेंड हैं ? अगर उसके इस प्रश्न के प्रति उत्तर में शिव ने ऐसा कह दिया तो इसमें इतना बिगड़ने की तो जरूरत नहीं थी । जाने उसे क्या हुआ कि वह ऐसी वाहियात बात कह गई जो वह सोच भी नहीं सकती थी । 

शिव उसके लिए इतनी दूर से आया है । उसने इतनी जोखिम लेकर भिखारी का वेश बनाकर वह काम किया है जो अकल्पनीय है । एक तपस्वी के रूप में वह यहां रह रहा है । अगर वह उसे आज पीछे के दरवाजे से नहीं निकालता तो आज ही उसकी चोरी पकड़ी जाती और उसे अपनी मां की नजरों में नीचा देखना पड़ता । और उसी शिव को उसने गुस्से के मारे यहां से जाने को बोल दिया ? क्या वह शिव के बिना रह पायेगी ? 


सपना की आंखों से सावन की झड़ी लग गई । बुजुर्गों ने सही कहा है कि मुंह से कोई शब्द बाहर निकालने से पहले सौ बार सोचना चाहिए तब जाकर मुंह खोलना चाहिए । मगर वह तो अनाप-शनाप बक गई, अब उसका खामियाजा भुगत रही है । यह तो शिव का बड़प्पन है जो इतनी बड़ी बात होने के बावजूद वह यहां रह रहा है । माना कि मम्मी ने उसे जाने के लिए मना कर दिया था पर उस पर कोई अधिकार तो नहीं है ना ? एक अजनबी ही तो है वह मम्मी के लिए । वह मम्मी की बात माने कोई जरूरी तो नहीं ? सच में शिव कितना समझदार, धैर्यवान और सुशील है । यह उसका सौभाग्य है जो उसे ऑनलाइन एक ऐसा ब्वॉय फ्रेंड मिला जो आधुनिक युग में एक आदर्श पुरुष जैसा है । क्या नहीं है उसमें ? स्मार्ट है, बुद्धिमान है, अच्छा सा जॉब है उसका । बहादुर है, निडर है और सबसे बड़ी बात , एकदम कूल है । आजकल ऐसे लड़के मिलते कहां हैं ? उसने पता नहीं कौन सा ऐसा काम कर दिया जो ईश्वर ने उसे उसकी झोली में डाल दिया । वह अपने इष्ट "शिवजी" का बारंबार धन्यवाद करने लगी । 


क्या शिव बहुत नाराज हैं ? होने भी चाहिए, उसने काम भी तो ऐसा ही किया था । वह ऐसा क्या करे कि शिव खुश हो जाये । उसने बहुत सोचा मगर कुछ समझ में नहीं आया । फोन पर बात कर नहीं सकती थी क्योंकि मम्मी पास में सो रही थी । मैसेज वह करना नहीं चाहती थी क्योंकि इससे शिव के और भी नाराज होने की संभावना थी । तो फिर क्या करे वह ? उससे जाकर मिले और क्या करे ? उसे जी भरकर प्यार करे । वह अगर "कुछ" और भी मांगे तो वह भी उसे करने दे । आखिर लड़कों की मंजिल "वही" तो है । उसकी सहेलियां बताती रहती हैं अपने ब्वॉय फ्रेंड को मनाने के तरीके । वैसे , लड़के ज्यादा नखरे नहीं करते हैं , इस काम में तो लड़कियां महारथी होती हैं । वे तो शायद रूठने के नये नये बहाने ढूंढती रहतीं हैं । और शिव तो बहुत सरल, निष्कपट और मासूम से हैं । आज पता भी चल जायेगा कि वे कितने क्षमाशील हैं ? 


सपना ने मम्मी को टोह ली । मम्मी हल्के हल्के खर्राटे ले रही थी । सपना आश्वस्त हो गई कि मम्मी गहरी निद्रा में हैं इसलिए मौके का फायदा उठाया जा सकता है । वह उठी और सीधे बाथरूम में गई । उसने आईने में अपना चेहरा देखा । आंसुओं से भीगा हुआ था पूरा । उसने ठंडे पानी के छींटे मारे और चेहरा साफ किया । फिर वह ड्रेसिंग टेबल पर बैठकर हल्का सा मेकअप करने लगी । शास्त्रों में लिखा है कि अपने ब्वॉय फ्रेंड या पति के सामने भलीभांति तैयार होकर ही जाना चाहिए । मेकअप के बाद वह खिल उठी थी । उसने एक पतला सा गाउन पहना जिससे उसका जिस्म थोड़ा थोड़ा दिखाई दे सके और शिव को पिघला सके । संतुष्ट होने के बाद वह ऊपर छत की ओर चल दी । 


वह दबे पांव सीढियां चढ रही थी । छत पर अंधेरा था मगर उसे एक आकृति सी दिखाई दे रही थी । उसे आश्चर्य हुआ कि यह कौन है जो उनकी छत पर खड़ा है ? वह एक ओट में हो गई और उस आकृति को देखने लगी । अंधेरे में जब उसकी आंखें देखने में अभ्यस्त हो गईं तब उसे सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा था । वह आकृति किसी औरत की थी जिसने साड़ी पहन रखी थी । यह औरत कौन है और यहां क्या कर रही है ? ऐसा विचार उसके मन में आया । उसका कौतुहल बढ गया था । इतनी रात में यह औरत शिव के कमरे में क्यों जा रही है ? कहीं शिव का इस औरत के साथ कोई चक्कर तो नहीं चल रहा है ? हो सकता है कि शिव इसी के लिए यहां आया हो ? यह सोचते ही उसके तन बदन में आग लग गई । सपना सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है पर शिव किसी और का भी हो, यह बर्दाश्त नहीं कर सकती है । उसकी धड़कनें बढ़ गई थीं । कलेजा मुंह को आ रहा था । उसे शिव पर फिर से क्रोध आ रहा था । उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि शिव इस तरह बेवफाई करेगा । 


वह औरत दबे पांव आगे बढ रही थी और इधर-उधर भी देखती जा रही थी । शिव के दरवाजे पर पहुंच कर वह ठिठकी । उसने चारों ओर देखा । थोड़ी देर रुकी फिर उसने अपने मोबाइल की टॉर्च जला ली । शिव सो रहे थे । वह औरत शिव के चेहरे की ओर झुकी । शायद वह शिव को "किस" करना चाह रही थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया । सपना इससे आगे देख नहीं सकती थी । वह शिव को किसी और की बांहों में कैसे देख सकती है ? गुस्से के मारे वह ऊपर से नीचे तक जल भुन गई और भागकर नीचे आ गई । 


क्रमश : 


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