हरि शंकर गोयल

Romance

4  

हरि शंकर गोयल

Romance

एक अनोखी प्रेम कहानी, भाग 1

एक अनोखी प्रेम कहानी, भाग 1

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"हम कब तक फोन पर ही बात करेंगे जान" ? झल्ला कर शिव ने कहा "जब तक शिव चाहेंगे" मुस्कुरा कर सपना बोली 

"पर हम कब चाहते हैं कि अनंत काल तक फोन पर बात करें" ? 

"अरे बाबा , हम आपकी बात थोड़े ही कर रहे हैं , हम तो भगवान शिव की बात कर रहे हैं । हमारे आराध्य तो शिव ही हैं" सपना की बातों में प्रेम के साथ साथ हंसी मजाक भी था । 

" और हम कौन हैं आपके" ? अब शिव भी शरारत पर उतर आया 

"आप भी हमारे आराध्य हैं । आप इस लोक के और शिव पर लोक के" हंसते हुए सपना बोली 

"सपना, हमें फेसबुक पर मिले हुए करीब ढाई साल हो गये हैं । दो साल से फोन पर ही बतिया रहे हैं । कभी आमने सामने भी नहीं मिले । तुमको देखा तक नहीं है हमने । फोटो से कब तक काम चलायें हम" ? शिव निराश हो गया था 

"अरे , ऐसे हिम्मत नहीं हारते हैं । आप तो हमारे प्रेरणा पुंज हैं । हमने तो आपसे ही जीने की कला सीखी है । और आप ही इस तरह निराश हो जायेंगे तो सोचिए कि हम क्या करेंगे" ? सपना शिव को हिम्मत देते हुए बोली 

"बहुत हो गया ऑनलाइन प्यार । अब तो हमें ऑफलाइन प्यार चाहिए । जहां हम तुम हों बस , और कोई नहीं" । वीडियो कॉल पर शिव सपना को चूमते हुए बोला । 

"अब मैं बंद कर रही हूं । मम्मी आवाज दे रही है किचन से । फ्री होकर करती हूं" और सपना ने फोन काट दिया । 


शिव सोचने लगा "बातों से कोई पेट भरता है क्या ? फोटो और वीडियो से कब तक काम चलाये वो ? क्या वे दोनों कभी मिल पायेंगे ? लगता तो नहीं है । सपना यहां आ नहीं सकती और मुझे वहां आने नहीं देना चाहती है । पता नहीं क्या मजबूरी है उसकी, बताती भी नहीं है । ऐसे काम थोड़े ना चलता है । प्रेम में जब तक स्पर्श, आलिंगन, चुंबन नहीं हो तब तक कैसा प्रेम ? दो साल से तरस रहे हैं इन सबको । अब बहुत हो गया है । अब और नहीं तरसेंगे हम" । शिव ने मानस बना लिया । वह सपना के गांव "मोतिया" के लिए निकल पड़ा । मोतिया तक ट्रेन नहीं जाती थी । मोतिया जाने के लिए रायपुर जाना पड़ेगा । वहां से बस में मोतिया जाना होगा । शिव का क्या है, वर्क फ्रॉम होम तो चल ही रहा है, वहां मोतिया में कर लेगा" । 


शिव ने तत्काल में रिजर्वेशन करवा लिया और वह मोतिया के लिए निकल पड़ा । पूरे चौदह घंटे लगे रायपुर पहुंचने में । वहां से बस में मोतिया के लिए बैठ गया । छत्तीसगढ की बोली कुछ अलग थी । कुछ समझ में आती कुछ नहीं पर काम चल जाता था । बीच बीच में सपना मैसेज कर रही थी और फोन भी कर रही थी पर उसने फोन रिसीव नहीं किया । भंडा फूटने का डर जो था । उसने मैसेज में बिजी लिख दिया इससे सपना समझ गई कि वह अपने काम में व्यस्त है । 

मोतिया एक छोटी जगह थी । यहां पर कोई बढिया सा होटल भी नहीं था । रहने के लिए दो चार गेस्ट हाउस थे । उनमें से सबसे अच्छा गेस्टहाउस "लवली" में वह ठहर गया । नहा धोकर तैयार होकर जब वह गेस्टहाउस से बाहर निकला तो सोच में पड़ गया कि वह सपना का मकान कैसे ढूंढे ? अब उसने अपना दिमाग लगाना शुरू किया । सपना के भेजे समस्त फोटो और वीडियो देखने लगा । एक फोटो में पीछे की ओर "विला" लिखा हुआ मिला । यह फोटो सपना ने अपने घर की छत पर खड़े होकर खींचा था और शिव को भेज दिया था । शिव पैदल पैदल चल कर "विला" नाम के मकान को खोजने लगा । 


क्रमश: 

 


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