इसलिए भौतिक जगत के सुख के लिए अन्तर्मन की यात्रा मन्दिर के तीर्थ का ही सुख देती है। इसलिए भौतिक जगत के सुख के लिए अन्तर्मन की यात्रा मन्दिर के तीर्थ का ही सुख देती ...
हाँ भाईसाहब!मैं: साहब इक रीढ़ की अत्यंत आवश्यकता है. हाँ भाईसाहब!मैं: साहब इक रीढ़ की अत्यंत आवश्यकता है.
मुर्गे चोंच मारते हैं, बिल्लियाँ खरोंचती हैं, बिच्छू-बूटी से खुजली और जलन होती है! मुर्गे चोंच मारते हैं, बिल्लियाँ खरोंचती हैं, बिच्छू-बूटी से खुजली और जलन होती ह...