दोस्ती और प्यार के बीच में राहुल
दोस्ती और प्यार के बीच में राहुल
आल्हाबाद नामक एक बड़े शहर में एक छोटा सा गाँव था ओर उस गाँव में दोनों दोस्त थे और उन दोनों का नाम था नेहा और स्नेहा।
नेहा ओर स्नेहा एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं, एक भी ऐसा दिन नहीं था जो एक दूसरे के साथ बिना बात किया रह सकते हैं। और उनके बीच में कुछ भी छुपाने वाली बात नहीं थी। दोनों बहुत प्यारी है उन्होंने गाँव के महिला स्कूल में १० भी तक एक साथ पढ़ाई पूरी किया है और अच्छे नम्बर से पास भी किया है । फिर उन दोनों ने मिलकर गाँव की एक कालेज में एडमिसन लिया पर फर्क इतना था कि नेहा arts में एडमिसन ली थी ओर स्नेहा commerce में पर उन दोनों की stream अलग होने के बावजूद भी उन दोनों के बीच में उतना ही प्यार था जैसे पहले से ही था। दोनों पढ़ाई के साथ साथ अच्छी कविता भी लिखती थीं। दोनों फिर १२ अच्छे नम्बर रख कर पास किया है।
पर जब graduation की तैयारी की और वो भी अलग अलग कालेज में, नेहा गाँव से लगभग ७-८ km दूर एक कालेज में graduation की तैयारी की और स्नेहा आल्हाबाद नाम क एक बड़े शहर में graduation की तैयारी की क्योंकि नेहा जिस कालेज में graduation की थी उस कालेज में commerce नहीं थी इसलिए दोनों अलग अलग कालेज में graduation की तैयारी की पर उन दोनों के बीच में प्यार कभी कम नहीं थी।
लेकिन एक दिन स्नेहा के जीवन में एक लड़का आया उसका नाम था राहुल। राहुल स्नेहा को बहुत प्यार करता था और स्नेहा के लिए कुछ भी करने के लिए हमेशा तैयार था , स्नेहा को भी राहुल से प्यार था पर वो नेहा को जिस तरह प्यार की थी उसी तरह राहुल को प्यार नहीं कर पाई। पर राहुल कभी भी नेहा और स्नेहा का दोस्ती के बीच में कभी कबाब में हड्डी नहीं बना बल्कि उनके दोस्ती को सन्मान किया है।
पर स्नेहा ओर नेहा की बीच में जब भी लड़ाई हुई और बात नहीं हुआ तो स्नेहा नेहा का सारा गुस्सा राहुल के उपर निकालती थी और बिचरा राहुल सब चुप चाप सहता था, उसको पता था कि उसकी कुछ भी गलती नहीं है फिर भी वो स्नेहा का सारा गुस्सा सहता था, ऐसे हर रोज स्नेहा करती थी। और नेहा को वो इतना प्यार करती थी जिसके वजह से जान से भी ज्यादा प्यार करने वाले राहुल को भी छोड़ ने के लिए तैयार थी। और उसने एक दिन राहुल को भी छोड़ दिया नेहा के लिए, क्योंकि नेहा उसके लिए बहुत जरूरी थी राहुल से भी ज्यादा।
स्नेहा के जाने के बाद राहुल पुरी तरह टूट गया और उसका हालत बहुत खराब हो गया था, वो अच्छे से पढ़ाई भी नहीं कर पाटा था और ठीक से खाना पीना भी नहीं करता था, उसको उसके दोस्तों ने बहुत समझाया पर वो कुछ भी मानने को तैयार नहीं था, उसको लगता था कि स्नेहा के बिना उसकी जिन्दगी कुछ भी नहीं है, वो उस के बिना जी सकता, वो हमेशा स्नेहा की आवाज और चेहरे को सुनने के लिए और देखने के लिए तरसता था और उसके बाद राहुल उसको बहुत कॉल किया और मेसेज भी पर कुछ फायदा नहीं हुआ। फिर भी उसको लगता है कि स्नेहा उसके जिन्दगी में फिर लौट कर जरूर आएगी इस उम्मीद से अब ओ जी रहा है।